भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) शुक्रवार 16 अगस्त 2024 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह 9 बजकर 17 मिनट पर SSLV-D3 रॉकेट लॉन्च कर दिया।
इसके अलावा एक छोटा सैटेलाइट SR-0 DEMOSAT भी पैसेंजर सैटेलाइट की तरह छोड़ा भेजा गया। ये सैटेलाइट्स धरती से 475 किलोमीटर की ऊंचाई के गोलाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाएंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने यह जानकारी दी।
माइक्रोसैट/आईएमएस-1 पर निर्मित ईओएस-08 तीन पेलोड – ‘इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड’ (EOIR), ‘ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड’ (GNSS-R) और ‘एसआईसी यूवी डोसिमीटर’ को लेकर गया है। आईओआईआर पेलोड को तस्वीरें खींचने के लिए तैयार किया गया है। यह पेलोड मध्यम-वेव आईआर (MIRर) और दीर्घ-वेव-आईआर (NWIR) बैंड में दिन और रात के समय तस्वीरें खींच सकता है। उपग्रह आधारित निगरानी, आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी, आग लगने का पता लगाने, ज्वालामुखी गतिविधि प्रेक्षण तथा औद्योगिक एवं विद्युत संयंत्र आपदा निगरानी जैसे कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
एसएसएलवी-डी3-ईओएस-08 मिशन से पहले इसरो ने फरवरी 2023 में लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी-डी2-ईओएस-07) का दूसरी बार प्रक्षेपण किया था जो सफल रहा था।
इसरो का एसएसएलवी-डी3-ईओएस-08 मिशन इस साल तीसरा मिशन होगा। इससे पहले उसने जनवरी में पीएसएलवी-सी58/एक्सपोसैट और फरवरी में जीएसएलवी-एफ14/इनसैट-3डीएस का सफल प्रक्षेपण किया था।
सबसे छोटे इस एसएसएलवी रॉकेट की लंबाई लगभग 34 मीटर है। इसे पहले 15 अगस्त को सुबह नौ बजकर 17 मिनट पर प्रक्षेपित करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन बाद में इसे 16 अगस्त को सुबह नौ बजकर 19 मिनट पर यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लॉन्च पैड से प्रक्षेपित करना तय हुआ।
इस मिशन से एसएसएलवी विकास परियोजना पूरी हो जाएगी।
इस अंतरिक्ष यान की मिशन आयु एक वर्ष है। इसका द्रव्यमान करीब 175.5 किलोग्राम है और यह करीब 420 वाट ऊर्जा पैदा करता है।