भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा है। मेरठ STF ने 16 अगस्त को शामली से ISI एजेंट कलीम को अरेस्ट किया है। पुलिस और STF की पूछताछ में कलीम ने चौंकाने वाले राज उगले हैं।
उसने कबूल किया कि वो पाकिस्तानी आतंकी संगठन ISI के सदस्यों और उसके हैंडलरों से मिलता रहा है। कलीम ने बताया, भारत में दंगा भड़काकर इसे इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए उसे पैसे भी दिए गए थे। उसकी योजना भारत में जिहाद फैलाने की थी। इसके लिए वो लोगों को उकसा रहा था।
शामली के मोमोनपुरा का रहने वाला कलीम 5 भाइयों में तीसरे नंबर का है। उसके सभी भाइयों की शादी हो चुकी है। केवल कलीम सिंगल है। मेरठ एसटीएफ आतंकी इनपुट की सूचना के आधार पर कलीम को उसके घर से अरेस्ट कर चुकी है। उसके खिलाफ शामली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। लगातार उससे पूछताछ चल रही है।
कलीम 12 अगस्त को ही अपनी मां आमना और पिता नफीस के साथ पाकिस्तान जेल से रिहा होकर शामली लौटा था। ये लोग अवैध पिस्टल रखने के मामले में 23 जुलाई, 2022 से पकिस्तानी जेल में बंद थे। वहीं कलीम का भाई तस्लीम पहले ही जाली करेंसी और पाकिस्तान से आतंकवादी गतिविधियों में गिरफ्तार हो चुका है।
STF को कलीम के पास आर्मी के ऑफिसर जवानों के फोटो, राफेल के फोटो, अखंड भारत का फोटो और कुछ अखबारों की कटिंग भी बरामद हुए हैं। शामली के SSP अभिषेक कुमार ने बताया कि कलीम ने खुद के ISI आतंकी संगठन से जुड़े होने की बात मानी है। कलीम भाई तस्लीम के साथ ISI के सदस्यों को वॉट्सऐप पर भारत सेना के फोटोग्राफ भेजता था। जिन नंबरों पर उसने मैसेज भेजे उन मोबाइल नंबरों का आईपी एड्रेस लाहौर मिला है।
कलीम के पास 2 मोबाइल फोन और उर्दू में लिखे संदिग्ध मैसेज और पेपर्स बरामद हुए हैं। माना जा रहा है ये लोग गुप्त सूचनाओं का आदान, प्रदान उर्दू में करते थे। साथ ही 5 ग्रुप की वॉट्सऐप चैट भी मिली है।
जब STF ने कलीम से पूछताछ की तो पता चला कि वो पूरी कट्टरपंथी सोच का समर्थन करता है। भारत में जिहाद फैलाने के लिए लोगों को भड़का रहा था। उसकी प्लानिंग भारत में मुजाहिद्दीन की जमात बनाने की थी। लोगों से कहता कि आप मेरे लिए शहादत की दुआ करना तथा आपके जो दोस्त मुजाहिद बनना चाहते हैं उनसे मेरी बात करा देना।
कलीम ने बताया, वो पाकिस्तान में अपनी बुआ के यहां जाता था। जहां उसकी दोस्ती ISI के कुछ हैंडलरों और सदस्यों से हुई। ISI ने कलीम उसके भाई को रुपए का लालच देकर फंसा लिया। कहा था कि तुम्हें पैसा, हथियार, गोला-बारूद दिया जाएगा। ये हथियार भारत लेकर जाओ। वहां अलग-अलग शहरों, इलाकों में जाकर दंगा कराओ। ताकि भारत में शरीयत कानून के तहत नए सिस्टम को स्थापित कर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाया जा सके।
कलीम के पास एसटीएफ को एक फर्जी आईडी पर जारी मोबाइल नंबर मिला है। जब उस मोबाइल नंबर को चैक किया तो वो वॉट्सऐप पाकिस्तान में ISI ऑपरेटिव आतंकी दिलशाद उर्फ मिर्जा उर्फ शेख खालिद हाफिज के नाम पर निकला। कलीम का भाई तहसीम उर्फ तासीम भी ISI से जुड़ी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है। वो दिलशाद को तस्वीरें भेजता है। वो राजस्थान में अनूपगढ़ में भारतीय सेना के सुरक्षा बल के जवानों की फोटोग्राफ, सेना के राफेल विमान के फोटो, जानकारियां भी भेज चुका है।
एसटीएफ के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों से जानकारी मिली है कि पूरे देश और यूपी में ऐसे लोगों का गिरोह घूम रहा है। ये लोग अलग-अलग शहरों में छिपे हैं। इनका उद्देश्य देश की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाना है। समाज में किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की तैयारी में हैं। इसके लिए पाकिस्तान से अवैध हथियार भारत लाए जा रहे हैं। कलीम भी इसी का हिस्सा था
मेरठ एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि भारत की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने की बड़ी साजिश के रचने का इनपुट लगातार मिल रहा था। इसके बाद फील्ड इकाइयों को एक्टिव किया गया। पता चला कि कलीम पुत्र नसीम अहमद जो शामली के मोमोनपुरा का रहने वाला है। कलीम के साथ उसका भाई तहसीम उर्फ तासीम और इनके सहयोगी किसी आतंकवादी संगठन से मिले हैं। ये लोग किसी बड़े आपराधिक षड़यंत्र को रच रहे हैं। कलीम उसके भाई ने लगातार पाकिस्तान में ISI व आतंकी संगठनों को तमाम गुप्त तस्वीरें भेजी हैं। इनके और साथियों की तलाश जारी है।