उत्तर प्रदेश कैडर की वरिष्ठ महिला IPS अधिकारी मंजिल सैनी अक्सर चर्चा में रहती है। चर्चा उनके खास अंदाज व लहजे को लेकर होती रहती है। इस बार चर्चा का कारण कुछ ज्यादा बड़ा है। इस बार वें एक गंभीर जांच में फंस गई है। यह जांच सीबीआई की संस्तुति पर हो रही है। बताया जा रहा है कि यदि जांच में सही ढंग से हुई तो आईपीएस मंजिल सैनी की मुश्किलें बढ़ जाएगी। यह जांच दिन दहाड़े हुई हत्या के एक मामले में सुरक्षा चूक को लेकर हो रही है। मंजिल सैनी इन दिनों देश के सबसे प्रतिष्ठित फोर्स मानी जाने वाली एनएसजी के मुख्यालय में डीआईजी के पद पर तैनात है।
लखनऊ के सआदतगंज क्षेत्र में एक फरवरी 2017 को श्रवण साहू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कोर्ट के आदेश पर इस हत्याकांड की जांच सीबीआई ने की थी। सीबीआई ने 11 अगस्त 2017 को तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी से लंबी पूछताछ भी की थी। सीबीआई ने श्रवण साहू को सुरक्षा प्रदान किए जाने में हुई लापरवाही में मंजिल सैनी को भी दोषी पाया था और उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की थी।मंजिल सैनी के विरुद्ध की जा रही विभागीय जांच के क्रम में जांच अधिकारी एडीजी इंटेलिजेंस भगवान स्वरूप ने उन्हें रविवार को अपने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था। विभागीय जांच में एसपी इंटेलिजेंस संजीव त्यागी को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नामित किया गया है।
वर्ष 2005 बैच की भारतीय पुलिस सेवा IPS की अधिकारी मंजिल सैनी केा लेडी सिंघम भी कहा जाता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पुलिस कप्तान की कुर्सी संभालने वाली वे पहली महिला अधिकारी रही है। यहां यह तथ्य विशेष रुप से उल्लेखनीय है कि जब उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी तब वे गर्भवती थी। परीक्षा परिणाम के समय इस खबर ने भी सुर्खियां बटोरी थी कि एक महिला गर्भवती रहते हुए यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास की है।