प्ले ऑफ की दौड़ से पहले ही बाहर हो चुकीं और अंतिम दो स्थान पर चल रही चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की टीम मंगलवार को यहां जब इंडियन प्रीमियर लीग में आपस में भिड़ेंगी जो उनकी नजरें इस मुकाबले को जीतकर अपनी प्रतिष्ठा बचाने पर टिकी होंगी।
मंगलवार का मैच रॉयल्स के लिए 2025 सत्र का आखिरी मैच है। टीम के पास इस सत्र में वैभव सूर्यवंशी के रूप में असाधारण प्रतिभा खोजने के अलावा दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है।
नीलामी में खराब गेंदबाजी विकल्प चुनने का जयपुर की टीम को सबसे अधिक नुकसान हुआ है और इसके अलावा उसके मध्य क्रम का प्रदर्शन भी प्रभावशाली नहीं रहा।
रॉयल्स की टीम अगर 10 टीम की तालिका में नौवें स्थान पर हैं तो इसका मुख्य कारण उनके गेंदबाजों का औसत प्रदर्शन और शीर्ष क्रम के बल्लेबाजो पर अत्यधिक निर्भरता है। जोस बटलर को टीम से जाने देने और जोफ्रा आर्चर के खराब प्रदर्शन के कारण रॉयल्स के सामने कई चुनौतियां रहीं। विपक्षी टीम को दबाव में डालने की क्षमता रखने वाले एक अच्छे भारतीय गेंदबाज की कमी भी टीम की बड़ी कमजोरी रही है।
अगर मुंबई इंडियंस की टीम वापसी करने में सफल रही तो इसकी सबसे बड़ी वजह स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और ट्रेंट बोल्ट थे। अगर गुजरात टाइटंस की स्थिति मजबूत है तो इसकी वजह मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा हैं जिन्होंने मिलकर 30 से अधिक विकेट लिए हैं।
रॉयल्स की टीम के साथ मौजूदा सत्र में ऐसा देखने को नहीं मिला। उन्होंने बल्लेबाजी में कुछ शानदार शुरुआत की जैसे कि रविवार को पंजाब किंग्स के खिलाफ जब उन्होंने शुरुआती पांच ओवर में 70 से अधिक रन बनाए लेकिन टीम फिर भी मैच हार गई। मौजूदा सत्र में रॉयल्स के साथ बार-बार यह कहानी दोहराई गई। टीम सम्मान के लिए खेल सकती है और जीत के साथ अपने अभियान का अंत कर सकती है।
चेन्नई सुपर किंग्स की टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है और परखे हुए खिलाड़ियों को शामिल करने का उसका पुराना फामरूला मौजूदा सत्र में पूरी तरह से विफल रहा जिससे टीम का प्रदर्शन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सुपर किंग्स को राहुल त्रिपाठी और दीपक हुड्डा से बहुत ज्यादा उम्मीदें थी। भारत के लिए खेलने के अनुभव ने उन्हें फ्रेंचाइजी के साथ अनुबंध दिलाया होगा लेकिन वे दबाव की स्थिति में लगातार मैच जीतने वाला प्रदर्शन नहीं कर पाए।
आयुष म्हात्रे, शेख रशीद और उर्विल पटेल जैसे युवा खिलाड़ियों के आने से टीम के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बीस वर्षीय म्हात्रे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के खिलाफ शतक लगाने के करीब पहुंचे और सनराइजर्स हैदराबाद तथा मुंबई इंडियन्स के खिलाफ भी अच्छा प्रदर्शन किया।
पटेल देर से टीम में शामिल हुए लेकिन उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ तेजतर्रार पारी खेलकर अपनी क्षमता दिखाई। उन्होंने अब तक जो किया है उसे अगले सत्र का ट्रेलर कहा जा सकता है। कप्तान रुतुराज गायकवाड़ के टूर्नामेंट से बाहर होने से टीम की मुश्किलें और बढ़ गईं। कई लोगों को उम्मीद थी कि धोनी के कप्तान के रूप में वापस आने से टीम की किस्मत बदल जाएगी।