आवारा पशुओं संबंधी मामले में मौका मुआयना कर फोटोग्राफ पेश करने के निर्देश

नैनीताल, 22 अप्रैल (हि.स.)। हाई कोर्ट ने हल्द्वानी सहित प्रदेशभर के राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों व गली-मुहल्लों में छोड़े गए आवारा पशुओं संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता से कहा है कि जो आवारा पशुओं के लिए गौशाला बनाई गई हैं और जो प्रस्तावित हैं उसका मौका मुआयना कर उसकी फोटोग्राफ कोर्ट में पेश करें। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद की ति​​थि नियत की है। पूर्व के आदेश के क्रम में नगर निगम हल्द्वानी ने शपथपत्र पेश कर कहा कि कार्यदाई संस्था ने न्यायालय के आदेश पर एक गौशाला बना दी है। इसमें गली, मोहल्लों, सड़कों पर छोड़े गए आवारा पशुओं का रेस्क्यू कर रखा जाता है। सरकार ने न्यायालय के आदेश के बाद 4.268 हेक्टेयर भूमि गौशाला के लिए दे दी है और उसको बनाने के लिए 4.98 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत कर दी है। गौशाला बनाने के लिए 1.98 करोड़ रुपये कार्यदाई संस्था ने रिलीज भी कर दिया है जिसमें 2000 आवारा पशुओं को रखा जा सकता है। इस पर याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि अभी तक कोई स्थाई हल नहीं निकाला गया है। उनके द्वारा 2023 में जनहित याचिका दायर की गई थी और तब से अब तक आवारा पशुओं ने कई लोगों की जान ले ली है। कई स्कूटी और वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। ये आए दिन गली और सड़कों पर जाम की स्थिति पैदा करते हैं। इनको हटाने के लिए नगर निगम, नगरपालिका और पुलिस को भी निर्देश दिए जाएं।

मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी अधिवक्ता डॉ. चंद्रशेखर जोशी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि हल्द्वानी व प्रदेश भर में आवारा पशुओं के कारण कई दुर्घटनाएं हो रही हैं। इनके आपस में लड़ने से एक युवक की सड़क दुर्घटना में मौत तक हो गई। यही नहीं इन पशुओं के कारण स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में देरी हो जाती है। कई बार इनके आपसी झगड़ों की वजह से व्यस्तम सड़कों पर कई घंटों तक का जाम लग जाता है।

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