इंडिगो के विमानों में बीच उड़ान के दौरान पिछले कुछ दिनों में इंजन बंद होने की घटनाओं को देखते हुये एयरलाइंस के बड़े में शामिल 11 में से पांच पीएंडडब्ल्यू इंजनों को निकाल लिया गया है। विमानन निगरानी संस्था, डीजीसीए ने कहा कि ये पांचों इंजन सेवा दे रहे विमानों में लगे थे जबकि अन्य छह इंजन जमीन पर खड़े विमानों में हैं।
वीटी-आईयूजे पंजीकरण वाले इंडिगो के ए321 नियो विमान के चालक दल को 29 अगस्त को मदुरै से मुंबई जाते समय एक इंजन में उच्च कंपन और ईंधन के कम दबाव का पता चला, जिसके बाद एक इंजन बंद हो गया। मुंबई हवाई अड्डे पर उतरने पर, तेल चिप डिटेक्टर पर धातु के महीन कण मिले।
उसी दिन, इसी तरह की एक घटना में वीटी-आईयूएफ पंजीकरण के साथ इंडिगो के ए321 नियो विमान शामिल था, जो कोलकाता से बेंगलुरु जा रहा था। चालक दल ने इंजन-2 के साथ समान समस्याओं की सूचना दी। विमान वापस कोलकाता लौट आया जहां उसकी सुरक्षित लैंडिंग हुई। इंजन के तेल चिप डिटेक्टर पर धातु के कण पाए गए।
अमृतसर से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले वीटी-आईवीआई पंजीकरण वाले इंडिगो के ए320 नियो विमान के साथ 3 सितंबर को एक और घटना घटी। चालक दल ने इंजन-2 में कम तेल का दबाव देखा, जिससे विमान को अमृतसर वापस लौटना पड़ा। प्रभावित इंजन पर बाहरी तेल रिसाव देखा गया, हालांकि कंपन या तेल चिप का पता चलने की कोई रिपोर्ट नहीं थी।
इन घटनाओं में शामिल इंजनों पर इंडिगो द्वारा बाद में किए गए बोरोस्कोपिक निरीक्षण (बीएसआई) से पता चला कि 29 अगस्त की घटनाओं में शामिल इंजनों में हाई-प्रेशर टर्बाइन (एचपीटी) को स्टेज 1 ब्लेड को नुकसान हुआ था। हालाँकि, अमृतसर में 3 सितंबर की घटना में शामिल इंजन के बीएसआई के दौरान कोई विसंगति नहीं पाई गई।
यह उल्लेखनीय है कि इन घटनाओं में शामिल सभी तीन इंजनों की सर्विसिंग के बाद से उनकी तीन हजार घंटे की उड़ान पूरी हो चुकी थी।
डीजीसीए ने 29 अगस्त की घटनाओं में देखी गई ब्लेड क्षति के जवाब में सक्रिय कदम उठाते हुये इंडिगो को तीन हजार घंटे से अधिक उड़ान भर चुके सभी ए 321 विमानों के सभी इंजनों पर बीएसआई करने का निर्देश दिया। तीन इंजनों की पहचान की गई और उनका निरीक्षण किया गया, लेकिन कोई अनियमितता नहीं पाई गई।
पीडब्ल्यू ने जुलाई में संकेत दिया था कि एचपीटी हब की समस्या के कारण दुनिया भर से 200 इंजनों को वापस बुलाया जाएगा, क्योंकि हब में एक विसंगति देखी गई थी, जिसका पता केवल वर्कशॉप स्तर पर एंगुलर अल्ट्रा सोनिक इंस्पेक्शन (एयूएसआई) से ही लगाया जा सकता था।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “इससे इंडिगो बेड़े के कुल 11 इंजन प्रभावित हुए, हालांकि इनमें से छह मौजूदा पीडब्ल्यू एओजी (एयरक्राफ्ट ऑन ग्राउंड) का हिस्सा थे और केवल पांच ऑपरेटिंग इंजन थे जिन्हें 15 सितंबर से पहले हटा दिया गया है।”
अधिकारी ने कहा, “पीडब्लू ने 11 सितंबर को संकेत दिया कि पीडब्लू द्वारा चरण 2 रिकॉल की समीक्षा की जा रही है, जिसके लिए 2023 और 2026 के बीच 600 इंजनों को हटाने की आवश्यकता होगी, जिनमें से अधिकांश को 2024 की पहली तिमाही में हटाया जाएगा। पीडब्लू अगले 60 में एक एसबी जारी करेगा।”