भाजपा नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा विपक्षी गठबंधन के नए नाम ‘इंडिया’ मजाक उड़ाने पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि क्या उनके मुंह में अधिक खट्टे अंगूर आ गए हैं? उनके ‘गुरु’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया दिया और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से टीम इंडिया के रूप में मिलकर काम करने को कहा था।

सरमा पर तंज कसते हुए कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, “क्या असम के सीएम के मुंह में खट्टे अंगूरों की बहुतायत है? उनके नए गुरु, मोदी ने हमें स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और डिजिटल इंडिया दिया है।”  उन्होंने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ‘टीम इंडिया’ के रूप में मिलकर काम करने को कहा है। उन्होंने वोट इंडिया की अपील भी की।’

राज्यसभा सांसद रमेश ने कहा, “लेकिन जब 26 राजनीतिक दल अपने गठन को इंडिया  (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक, समावेशी गठबंधन) कहते हैं, तो वह भड़क उठते हैं और कहते हैं कि इंडिया का उपयोग ‘औपनिवेशिक मानसिकता’ को दर्शाता है। उन्हें यह बात अपने बॉस को बतानी चाहिए।”

सरमा ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा, “हमारा सभ्यतागत संघर्ष भारत और इंडिया के आसपास केंद्रित है। अंग्रेजों ने हमारे देश का नाम इंडिया रखा। हमें खुद को औपनिवेशिक विरासत से मुक्त करने का प्रयास करना चाहिए। हमारे पूर्वजों ने भारत के लिए लड़ाई लड़ी और हम भारत के लिए काम करना जारी रखेंगे।”

उन्होंने आगे लिखा, “भाजपा भारत के लिए।”

मंगलवार को मल्लिकार्जुन खड़गे ने बेंगलुरु में पत्रकारों से कहा, ”हम 2024 का लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ेंगे और जीतेंगे। उन्‍होंने कहा, गठबंधन की पहली सफलता यह है कि सभी लोग नाम पर सहमत हो गए हैं. ‘भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन – इंडिया’ नाम हमने इसे दिया है।”

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों ने कर्नाटक के बेंगलुरु में दूसरी अहम बैठक की।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बैठक में नेताओं को अपने संबोधन के दौरान खड़गे ने यह भी संकेत दिया कि उनकी पार्टी अगले चुनाव में प्रधानमंत्री की कुर्सी पाने में दिलचस्पी नहीं रखती है और वह भारत, संविधान, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लड़ने के लिए तैयार है।

खड़गे ने बैठक की शुरुआत में कहा, “हमारा इरादा अपने लिए सत्ता संभालने का नहीं है। यह हमारे संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा करना है।”

 

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