भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर (23 रन देकर 2 विकेट) ने तीसरे दिन शनिवार को यहां अंतिम क्षणों मैं दो विकेट लेकर भारत का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकमात्र महिला टेस्ट क्रिकेट मैच में पलड़ा भारी रखा।
ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी दूसरी पारी में पांच विकेट पर 233 रन बनाए थे और इस तरह से उसने 46 रन की बढ़त हासिल कर ली है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के 219 रन के जवाब में अपनी पहली पारी में 406 रन बनाकर 187 रन की बढ़त हासिल की थी।
हरमनप्रीत ने ताहलिया मैकग्रा(177 गेंदों में 73 रन, 10 चौके) को क्लीन बोल्ड किया और फिर खतरनाक दिख रही एलिसा हिली (32) को पगबाधा आउट किया। स्टंप उखड़ने के समय एनाबेल सदरलैंड 12 और एशलीग गार्डनर सात रन पर खेल रही थी।
तीसरा दिन ऑस्ट्रेलिया के नाम रहा। भारत ने सुबह अपनी पारी सात विकेट पर 376 रन से आगे बढाई और उसने आधे घंटे के खेल में ही 30 रन जोड़कर अपने बाकी बचे तीन विकेट गंवा दिए। सदरलैंड (41 रन देकर दो विकेट) ने भारत के निचले क्रम के बल्लेबाजों को आउट करने में अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने कल की अविजित बल्लेबाज पूजा वस्त्राकर (47) और रेणुका सिंह (08) को जबकि किम गार्थ ने दीप्ति शर्मा (78) को आउट किया लेकिन इससे पहले भारतीयों ने दो नए रिकॉर्ड बनाए।
दीप्ति ने अपनी पारी में 171 गेंद का सामना किया और नौ चौके लगाए। भारत का 406 रन का योग ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक स्कोर है। दीप्ति और वस्त्राकर के बीच आठवें विकेट के लिए 122 रन की साझेदारी भारत की तरफ से नया रिकॉर्ड है। ऑस्ट्रेलिया की सलामी बल्लेबाज बेथ मूनी (33) और फोएबे लीचफील्ड (18) ने सतर्क शुरुआत की लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया।
रिचा घोष ने मूनी को रन आउट करके भारत को पहली सफलता दिलाई। इसके बाद स्नेह राणा (54 रन देकर दो विकेट) ने लीचफील्ड को बोल्ड किया जो रिवर्स स्वीप करने से चूक गई थी।
एलिस पेरी बड़ी पारी खेलने के मूड में दिख रही थी लेकिन भारतीय विकेटकीपर यास्तिका भाटिया ने राणा की गेंद पर उनका शानदार कैच लेकर भारत को बड़ी सफलता दिलाई। पेरी ने 91 गेंद पर पांच चौकों की मदद से 45 रन बनाए। उन्होंने मैकग्राके साथ तीसरे विकेट के लिए 84 रन की साझेदारी की।
राणा ने राजेरी गायकवाड़ की गेंद पर पहली स्लिप में मैकग्राका कैच छोड़ा जिसका फायदा उठाकर यह ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज अर्धशतक बनाने में सफल रही। इसके बाद जब वह 52 रन पर खेल रही थी तब हरमनप्रीत की पहली गेंद पर उन्हें पगबाधा आउट दे दिया गया था, लेकिन डीआरएस की मदद से वह क्रीज पर टिकी रही।
लेकिन हरमनप्रीत कुछ देर बाद ही उनका विकेट लेने में सफल रही। उनकी गेंद मैकग्राके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकटों में समा गई थी। विकेट से स्पिनरों को खास मदद नहीं मिल रही थी जिसके कारण भारतीय गेंदबाजों को संघर्ष करना पड़ा। राजेरी गायकवाड़ ने 27 ओवर किए लेकिन उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। उनकी गेंद पर हालांकि हीली को दो जीवनदान मिले थे।