अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने इस सप्ताह की शुरुआत में युद्धग्रस्त यूक्रेन को 15.6 अरब डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब वैश्विक ऋणदाता ने युद्ध में किसी देश को सहायता दी है। उधर, 1.1 अरब डॉलर की किश्त पाने के लिए पकिस्तान अभी भी आईएमएफ की चुनौतीपूर्ण शर्तों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है।

आईएमएफ ने मंगलवार (21 मार्च) को ही इस बात के संकेत दे दिए थे। वैश्विक संस्था ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था, “यूक्रेन के अधिकारी और आईएमएफ के अधिकारी व्यापक आर्थिक और वित्तीय नीतियों के एक सेट पर स्टाफ लेवेल एग्रीमेंट पर पहुंच चुके हैं।  इसके तहत,48 महीने की विस्तारित फंड सुविधा (ईएफएफ) व्यवस्था द्वारा 15.6 अरब डॉलर का लोन दिया जाएगा।”

पाकिस्तान के अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि युद्धग्रस्त पश्चिमी सहयोगी (यूक्रेन) के लिए 15.6 अरब डॉलर के वित्तपोषण के विस्तार की घोषणा IMF ने उसी दिन की, जब पाकिस्तान ने कुवैत को ईंधन खरीद भुगतान पर डिफ़ॉल्टर होने से बचने के लिए भुगतान करने का फैसला किया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वह कदम पाकिस्तान सरकार के लिए एक कठिन कदम रहा है,जो अन्य क्षेत्रों में समस्याएँ पैदा कर सकता है। आईएमएफ ने भी हाल कि दिनों में पाकिस्तान सरकार द्वारा उठाए गए आर्थिक कदमों पर सफाई मांगी है।

pkrevenue द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ ने अब इस्लामाबाद को 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज देने से पहले पाकिस्तान से बाहरी वित्तीय सहायता मिलने का आश्वासन मांगा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने कड़ी शर्त रखी है। IMF से समझौते के तहत पाकिस्तान या तो एक पूरक अनुदान के बराबर व्यय कम करने या उसी राशि के बराबर अतिरिक्त कर लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। दूसरी तरफ,आईएमएफ ने रूस के साथ चल रहे सैन्य संघर्ष और ऋणों का भुगतान करने की अनिश्चितता के बावजूद, अमेरिका और पश्चिमी शक्तियों के साथ संबद्ध यूक्रेन को 15.6 अरब डॉलर का वित्तपोषण कर दिया है।

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