मौसम विभाग ने बुधवार को पूरे देश के 26 राज्यों के लिए आंधी, बारिश और तूफान की चेतावनी जारी की है। इस अलर्ट में मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है, जहां ओलावृष्टि की संभावना भी बताई गई है। चूंकि गुजरात में मौसम की स्थिति बिगड़ चुकी है, वहां अब तक आंधी-बारिश से संबंधित घटनाओं में 14 लोगों की जान चली गई है। बुधवार को भी राज्य के कई क्षेत्रों में आंधी-बारिश की आशंका है।

बिहार में हाल ही में आए तूफान के कारण आसमानी बिजली गिरने से 5 लोगों की मृत्यु हुई है। मंगलवार को राज्य के विभिन्न इलाकों में आंधी की रफ्तार 70 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक रही। वहीं मध्य प्रदेश ने पिछले दो दिनों में कई जिलों में बारिश दिखाई है और तेज आंधी का प्रकोप भी झेला है। बुधवार को राज्य के 9 जिलों में ओलावृष्टि और 34 जिलों में हल्की से तेज बारिश के साथ आंधी चलने की संभावना जताई गई है।

जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करने वाली संस्था क्लाइमेट ट्रेंड ने वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का मिजाज बदलने की जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, हिमालय में जनवरी और फरवरी में होने वाली बर्फबारी अब मार्च और अप्रैल में होने लगी है। पिछले दो वर्षों में मार्च में बर्फबारी की स्थिति सबसे अधिक रही है, जिससे हीटवेव के मामलों में कमी आई है। पहले, सर्दियों में पश्चिम से आने वाले तूफानों का सिलसिला नवंबर से फरवरी के बीच तक होता था, लेकिन हाल के चार-पांच सालों में इनकी सक्रियता का पैटर्न बदल गया है।

यदि हम आगामी दिनों का मौसम की जांच करें, तो मौसम विभाग ने 8 मई को महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर-पूर्व के कुछ राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी बारिश और तेज हवाओं के चलने की आशंका है। दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्रों में भी मौसम बहुत ही सक्रिय रहने की उम्मीद है।

9 मई को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और कई अन्य राज्यों में बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया गया है। इसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एवं यूपी जैसे बड़े राज्य भी शामिल हैं। 10 मई को भी इसी प्रकार के अलर्ट को जारी रखा गया है, जिसमें कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, और अन्य राज्यों में बारिश एवं तेज हवाओं का असर देखने को मिलेगा।

मौसम विभाग की यह चेतावनी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे उन्हें पिछले अनुभवों के आधार पर सुरक्षा के उपाय करने का मौका मिलेगा। सबके लिए यह जरूरी है कि वे मौसम की स्थिति पर ध्यान दें और उससे संबंधित चेतावनियों का गंभीरता से पालन करें।

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