आस्ट्रेलियाई टीम को पैट कमिंस की अगुवानी में हराना इतना आसान होगा। चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम पर दोनों टीमों के बीच यादगार मुकाबले खेले गये हैं, चाहे वह 1986 में टाई रहा टेस्ट हो या 2001 की टेस्ट श्रृंखला का निर्णायक मैच या रिलायंस कप का करीबी मुकाबला। भारत की बल्लेबाजी जहां विश्व स्तरीय है तो आस्ट्रेलिया का तेज आक्रमण भी कुछ कम नहीं। चेन्नई की भीषण गर्मी उनके लिए हालांकि बड़ी चुनौती साबित होगी।
भारतीय टीम के पास ऐसा कप्तान है जो 19 नवंबर को कप थामकर भारतीय क्रिकेट के इतिहास का नया अध्याय लिखना चाहेगा। वहीं इस पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज 35 वर्ष के विराट कोहली को सचिन तेंदुलकर से आगे निकलने के लिये तीन वनडे शतक और बनाने हैं।
12 साल पहले तेंदुलकर को कंधे पर उठाने वाले कोहली आज उसी मुकाम पर खड़े हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि कोहली विश्व कप जीत चुके हैं। रोहित भी 2007 टी-20 विश्व कप और रविचंद्रन अश्विन 2011 विश्व कप जीत चुके हैं, लेकिन इन टूर्नामेंटों में जीत के सूत्रधार दूसरे दिग्गज थे और ये खिलाड़ी सहयोगी भूमिका में थे। यह अब उनका विश्व कप है।
रोहित, कोहली और अश्विन अपनी विरासत छोड़ जाना चाहते हैं। 34 वर्ष के रविंद्र जडेजा या 33 वर्ष के मोहम्मद शमी भी पीछे नहीं हैं।
जसप्रीत बुमराह के लिए भी यह ‘अभी या कभी नहीं’ वाला मामला है। इनमें से अधिकांश चार साल बाद विश्व कप में नहीं दिखेंगे और अपनी फिटनेस के दम पर कोहली अगर खेल भी पाते हैं, तो यह कोई नहीं जानता कि यह प्रारूप प्रासंगिक और आकषर्क रहेगा या नहीं।
भारतीय टीम विश्व कप जीतती है, तो यह वनडे क्रिकेट के लिए संजीवनी का भी काम करेगा। रोहित को बतौर बल्लेबाज अपनी आक्रामकता बरकरार रखनी होगी।
भारत : रोहित शर्मा (कप्तान), ईशान किशन, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, हार्दिक पंड्या, रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी, सूर्यकुमार यादव, शुभमन गिल, शार्दुल ठाकुर।
आस्ट्रेलिया : पैट कमिंस (कप्तान), स्टीव स्मिथ, एलेक्स कारी, जोश इंगलिस, सीन एबोट, एश्टोन एगर, कैमरन ग्रीन, जोश हेजलवुड, ट्रेविस हेड, मिचेल मार्श, ग्लेन मैक्सवेल, मार्कस स्टोइनिस, डेविड वॉर्नर, एडम जाम्पा, मिचेल स्टार्क।