समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा को अपने ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे में संशोधन कर इसे ‘सब मिल बांट, करें बंटाधार’ कहना चाहिए।

अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “उत्तर प्रदेश में ‘मुख्य-मुख्य-मुख्य’ की भ्रष्टाचारी साठगांठ ही ‘तीन तिगाड़ा-काम बिगाड़ा’ के पीछे की ऊपरी वजह है। जब बंटवारा सही से नहीं होता तो किसी के जमा किए पचास करोड़ चोरी हो जाते हैं और कोई गिरफ्तार हो जाता है।” उन्होंने इसे भाजपा की भ्रष्टाचार विरोधी नीति पर कटाक्ष बताया।

उत्तर प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति के तहत 2006 बैच के आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को गुरुवार को निलंबित कर दिया। अब तक 11 आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। हालांकि, इनमें से कई जांच के बाद बहाल भी हुए हैं।

अभिषेक प्रकाश, जो लखनऊ के जिलाधिकारी रह चुके हैं और हाल ही में इन्वेस्ट यूपी के सीईओ के पद पर थे, पर एक उद्यमी से कमीशन मांगने का आरोप है। शिकायत के अनुसार, सोलर इंडस्ट्री लगाने के लिए आवेदन करने वाले उद्यमी से उन्होंने एक बिचौलिए के जरिए 5% कमीशन मांगा।

मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचने के बाद इसे एसटीएफ को सौंपा गया। जांच में आरोप सही पाए गए और एसटीएफ ने बिचौलिए निकांत जैन को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया गया। अभिषेक प्रकाश को निलंबन के बाद राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है। उन्हें मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं दी गई है। उनकी जगह एसीईओ प्रथमेश कुमार को सीईओ का प्रभार सौंपा गया है।

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