विपक्षी दलों का गठबंधन ‘INDIA’ आज केंद्र सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। विपक्षी गठबंधन में शामिल 26 पार्टियों की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर के हालात पर लोकसभा को संबोधित करना चाहिए।

विपक्षी पार्टियों के गठबंधन भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) की मंगलवार को बैठक हुई जिसमें अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा हुई। इस संबंध में लोकसभा में विपक्ष के कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस पार्टी कार्यालय में तैयार है और सुबह 10 बजे से पहले लोकसभा महासचिव कार्यालय में पहुंच जाएगा।

गौरतलब यह भी है कि कांग्रेस ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर बुधवार को लोकसभा में मौजूद रहने का निर्देश दिया है। सभी पार्टी सांसद आज सुबह 10:30 बजे कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) के कार्यालय में बैठक करेंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर पर कहा कि INDIA मणिपुर हिंसा पर केंद्र से जवाब मांगता है। उन्होंने ट्वीट में कहा कि मणिपुर में 83 दिनों की बेरोकटोक हिंसा के लिए प्रधानमंत्री को संसद में व्यापक बयान देने की आवश्यकता है। भयावहता की कहानियां अब धीरे-धीरे सामने आ रही हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरने की विपक्ष की रणनीति राज्यसभा में भी जारी रहेगी। विपक्ष को लगता है कि यह सरकार को मणिपुर मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए मजबूर करने का एक प्रभावी तरीका होगा।

बता दें कि आज संसद के मानसून सत्र का पांचवां दिन है। सदन की कार्यवाही पिछले चार दिनों से हंगामे की भेंट चढ़ गई है। मणिपुर में दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाए जाने के वायरल वीडियो पर नाराजगी जताते हुए विपक्ष संसद के दोनों सदनों में पीएम मोदी के बयान और चर्चा की मांग कर रहा है।

जब लोकसभा में विपक्षी दल को लगता है कि मौजूदा सरकार के पास बहुमत नहीं है या फिर सरकार सदन में विश्वास खो चुकी है, तब अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है। इसे ‘नो कॉन्फिडेंस मोशन’ कहते हैं। संविधान में इसका उल्लेख आर्टिकल-75 में किया गया है, जबकि लोकसभा के नियम 198 में इसकी प्रक्रिया बताई गई है।

इसके अनुसार, केंद्रीय मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति जवाबदेह है। अगर सदन में बहुमत नहीं है, तो प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना होता है। अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा में ही लाया जा सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। इसके तहत सदन का कोई भी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है। विपक्ष के सदस्य को सुबह 10 बजे से पहले प्रस्ताव की लिखित सूचना देनी होती है। इसमें कम से कम 50 सदस्यों को प्रस्ताव स्वीकार करना होता है। इसके बाद स्पीकर प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख तय करते हैं।

अगर विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आता है तो उसका फेल होना लगभग तय है। लोकसभा में अकेले बीजेपी के पास 301 सांसद हैं। गठबंधन एनडीए के पास 333 सांसद हैं। भारत की आजादी के बाद से लोकसभा में 27 अविश्वास प्रस्ताव लाए गए हैं। आखिरी अविश्वास प्रस्ताव मोदी सरकार के खिलाफ जुलाई 2018 में लाया गया था, जो बुरी तरह फेल रहा था।

 

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