दहेज हत्या के मामले में पति और सास-ससुर को दस-दस साल की जेल
जालौन, 06 जून (हि.स.)। दहेज हत्या के मामले में विशेष एससी-एसटी कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पति, सास और ससुर को दोषी मानते हुए 10-10 साल के सश्रम कारावास और 15-15 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला महिला सशक्तिकरण और दहेज के खिलाफ कठोर कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन की एक मजबूत मिसाल बनकर सामने आया है।
बता दें कि, मामला कुठौंद थाना क्षेत्र के ग्राम इगहपुरवा का है। यहां रूप सिंह पुत्र श्याम सिंह की शादी ग्राम जगनेवा निवासी मनीषा से हुई थी। अक्टूबर 2022 को मनीषा की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। मायके पक्ष का आरोप था कि मनीषा की गला दबाकर हत्या की गई और बाद में उसे फंदे से लटकाकर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई। मनीषा के पिता जयनारायण ने पति रूप सिंह, सास पुष्पा देवी और ससुर श्याम सिंह के खिलाफ कुठौंद थाने में आईपीसी की धाराओं 498ए, 304बी, 302, 34 और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।
मामले की जांच सीओ जालौन के नेतृत्व में की गई। मनीषा द्वारा पहले की गई शिकायतों, गवाहों के बयानों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में पुख्ता आरोप पत्र दाखिल किया। इस केस की सुनवाई विशेष न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता (एडीजे/एससी-एसटी एक्ट कोर्ट, उरई) की अदालत में हुई।
शासकीय अधिवक्ता बृजराज राजपूत ने बताया कि मृतका द्वारा पूर्व में दर्ज कराई गई शिकायतें ही इस सजा का मुख्य आधार बनीं। अभियोजन और पुलिस के संयुक्त प्रयासों के चलते 6 जून को अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया।
—————