चीन के बाद ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने भारत में भी दस्तक दे दी है। देशभर में पांच बच्चे संक्रमित मिले हैं। कर्नाटक में 2, गुजरात में 1 और तमिलनाडु दो संक्रमित बच्चों का इलाज चल रहा है। इसी बीच, NHM ने एक और प्लू को लेकर चेतावनी जारी की है।
NHM UP ने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “नेत्र फ्लू के लक्षणों को पहचानें और सावधानी बरतें। अगर आपकी आंखों में लालिमा, दर्द, मवाद या खुजली हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्वस्थ आंखों के लिए सतर्क रहें।” आइए जानते हैं कि नेत्र फ्लू क्या है…
क्या है नेत्र फ्लू?
नेत्र फ्लू को आम तौर पर ‘आंखों का फ्लू’ या ‘कंजंक्टिवाइटिस’ कहा जाता है। एक संक्रामक बीमारी है जो आंखों की बाहरी झिल्ली (कंजक्टिवा) में संक्रमण के कारण होती है। यह रोग आमतौर पर बैक्टीरिया, वायरस, एलर्जी या किसी बाहरी रसायन के संपर्क में आने के कारण होता है। आपको बता दें कि यह फ्लू बच्चों और बूढ़ों में ज्यादा फैलता है।
क्या हैं नेत्र फ्लू के लक्षण?
- आंखों के सफेद भाग का गुलाबी अथवा लाल हो जाना
- आंखों में दर्द के साथ-साथ (मवाद आना)
- आंखों की पलकों अथवा भौंहों के ऊपर पपड़ी का बनना
- पलकों के किनारों में सूजन
- आंखों में खुजली व रुक-रुक कर सिरदर्द होना
- आंखों की पलकों का चिपकना
- आंखों में रेत या किरकिरापन होने का अहसास
- आंखों में जलन या जलन की अनुभूति
नेत्र फ्लू से कैसे बचें?
- जितना संभव हो सके अपनी आंखों को छूने से बचें।
- नियमित रूप से हाथ धोएं और स्वच्छता बनाए रखें।
- आंखों का मेकअप लगाने और दूसरे लोगों से शेयर करने से बचें।
- तकिए और तौलिये जैसी अन्य व्यक्तिगत वस्तुएं साझा न करें।
- छींकते और खांसते समय आंखों से निकलने वाले स्राव को फैलने से रोकने के लिए टिश्यू का उपयोग करें।
- अपने तकिए के कवर को जितनी बार संभव हो धोएं।