बिना लाइसेंस रेडियोलॉजिकल उपकरण वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की मांग, याचिका पर 16 अप्रैल को अगली सुनवाई

नई दिल्ली, 14 फ़रवरी (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने बिना लाइसेंस के रेडियोलॉजिकल उपकरण चलाने वाले अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, डायग्नोस्टिक केंद्रों और अन्य संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को करने का आदेश दिया।

याचिका शैलेश सिंह ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रीति सिंह और सुंकलान पोरवाल ने कहा कि अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और डायग्नोस्टिक केंद्रों पर बिना लाइसेंस के रेडियोलॉजिकल उपकरण चलाए जा रहे हैं। इन उपकरणों से रेडियोधर्मी किरणें निकलती हैं जो पर्यावरण और जंगलों को नुकसान पहुंचाते हैं। याचिका में कहा गया है कि रेडियोलॉजिकल उपकरणों को चलाने के लिए जरूरी मानदंडों का पालन नहीं किया जाता है। इससे न केवल मरीज बल्कि हेल्थकेयर वर्कर्स के स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ता है।

याचिका में कहा गया है कि एईआरबी की एडवाइजरी के मुताबिक रेडियोलॉजिकल उपकरण चलाने वाले अस्पतालों और केंद्रों को इसके लिए लाइसेंस लेना जरूरी है। लाइसेंस लेने के लिए जरूरी मानदंड पूरे करने होते हैं लेकिन कुछ ही अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर्स के पास रेडियोलॉजिकल उपकरण चलाने के लिए जरूरी लाइसेंस हैं। इस सबसे एईआरबी ने आंखें मूंद रखी हैं। इसकी वजह से मरीजों, हेल्थकेयर वर्कर्स और पर्यावरण को गंभीर नुकसान होता है। याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली के सभी अस्पतालों और डायग्नोस्टिस सेंटर्स के रेडियोलॉजिकल सुविधा का ऑडिट कराया जाए।

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