देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने की मांग पर जल्द फैसला करे सरकार : हाई कोर्ट

नई दिल्ली, 17 मार्च (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने की मांग संबंधी प्रतिवेदन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जल्द फैसला करे। जस्टिस सचिन दत्ता ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की भी अनुमति दी।

कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील को निर्देश दिया कि वो संबंधित मंत्रालयों को इस मामले पर जल्द फैसला करने को कहें। हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 3 जून 2020 को इस याचिका का निस्तारण करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार इस पर जल्द फैसला करे। सुप्रीम कोर्ट के 2020 के आदेश के बाद याचिकाकर्ता नमाह ने अब दिल्ली हाई कोर्ट में इस आदेश के पालन के लिए याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता के पास हाई कोर्ट आने के अलावा कोई विकल्प मौजूद नहीं था।

याचिका में कहा गया था कि देश का नाम इंडिया हटाया जाना चाहिए। यह ग्रीक शब्द इंडिका से निकला है। याचिका में कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद एक में संशोधन करने की जरूरत है। इस संशोधन के जरिये इस देश का नागरिक अपने औपनिवेशिक इतिहास को अंग्रेजी नाम को हटाने के रूप में प्राप्त करेंगे, जो एक राष्ट्रीय भावना पैदा करेगा। याचिका में कहा गया था कि इंडिया नाम को हटाने में भारत संघ की ओर से विफलता हुई है, जो गुलामी की प्रतीक है।

याचिका में कहा गया था कि अंग्रेजी नाम से जनता को चोट लगी है, जिसकी वजह से विदेशी शासन से कठिनाई से हासिल की गई स्वतंत्रता की हानि हुई है। याचिका में 15 नवंबर, 1948 को हुए संविधान के मसौदे का जिक्र किया गया है, जिसमें संविधान के प्रारूप 1 की धारा 1 पर बहस करते हुए एम अनंतशयनम अय्यंगर और सेठ गोविंद दास ने इंडिया की जगह भारत, भारतवर्ष या हिन्दुस्तान नामों को अपनाने की वकालत की थी।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय———–

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