युवाओं की आंखों का सूखना और मस्तिष्क का बढ़ता बोझ चिंतनीय : डाॅ. चौहान

हरिद्वार, 30 मई (हि.स.)। युवाओं में आंखों का सूखना एवं मस्तिष्क पर तेजी से बढ़ता बोझ चिन्ता का विषय है। इन दोनों समस्याओं के कारण युवा पीढी विशेषकर बच्चे तथा महिलाएं भी अछूते नहीं हैं। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर एवं मनोविज्ञान के जानकार डॉ. शिवकुमार चौहान ने स्वास्थ्य में युवाओं की भागीदारी विषय पर संवाद चर्चा में यह बताया कि आंखों का सूखना एवं मस्तिष्क पर बढ़ता बोझ व्यक्ति के सन्तुलन तथा देखने की क्षमता को तेजी से प्रभावित कर रहा है, जिसका मुख्य कारण आवश्यकता से अधिक मोबाईल का बढता उपयोग है।

उन्हाेंने कहा कि एक सामान्य जीवन यापन करने वाले व्यक्ति का मोबाइल के प्रति बढता उपयोग, जहां जिम्मेदारी निवर्हन में बाधक बन रहा है, वहीं संस्कारों के प्रति बदलता रवैया एवं नशा तथा व्यसनों का आदि बना रहा है। अनेक सर्वे भी इस बात को साबित करते हैं कि बेहतर जीवन यापन के लिए शिक्षा के प्रति रूचि में कमी तथा मजदूरी के साथ अपराध के प्रति बढता ग्राफ भी इसका मुख्य कारण है। यह अच्छा जीवन यापन करने तथा रोजगार की दिशा में किये जाने वाले परिश्रम के लिए भी बाधक सिद्ध हो रहा है।

डॉ. शिवकुमार चौहान ने बताया कि शोध के माध्यम से पता चलता है कि जब आंखों को पर्याप्त नमी नहीं मिल पाती या मस्तिष्क पर अधिक दबाव होने से जीवन की गुणवत्ता में कमी महसूस की गई है। ये दोनों कारक व्यक्ति के दैनिक जीवन में सोच तथा सामान्य कामकाज को प्रभावित करते हैं। आंखों का सूखना जिसे ड्राय आई सिंन्ड्रोम कहा जाता है, जिसके कारण आंखों में पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं बनते है और वह जल्दी सूख जाते हैं, जिसके कारण आंखों का सूखापन, जलन, धुंधलापन, लाईट के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्याएं हो जाती है। मस्तिष्क पर बढ़ता बोझ, तनाव, चिन्ता, अवसाद का परिणाम हो सकता है, जिसके कारण ध्यान केन्द्रित करने मे कठिनाई, याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है।

डॉ. चौहान ने इस सम्बंध में सुझाव तथा उपचार के लिए कहा कि आँखों के सूखेपन के लिए पर्याप्त पानी पिएं और अपनी आँखों को नम रखें, आंखों को साफ पानी से धोएं, कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें, अपने कंप्यूटर या फोन स्क्रीन को अपनी आंखों से उचित दूरी पर रखें और हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए ब्रेक लें, अपने आहार में विटामिन ए और ओमेगा .3 फैटी एसिड शामिल करें। मस्तिष्क पर बोझ को कम करने के लिए पर्याप्त नींद लें और अपने शरीर को आराम दें। तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान, या अन्य व्यायाम करें, दोस्तों या परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं, अपने आहार में स्वस्थ खाद्य पदार्थ शामिल करें।

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