हल्द्वानी नैनीताल मार्ग में यातायात का सर्वे भी करें

नैनीताल, 13 मई (हि.स.)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी नैनीताल सड़क मार्ग में यातायात के दबाव और नैनीताल धारण क्षमता का आकलन करने के निर्देश दिए हैं।

नैनीताल की ट्रैफिक समस्या संबंधी जनहित याचिका में सुनवाई के बाद दिशा निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा कि मल्लीताल में बीडी पांडे अस्पताल के समीप मरीजों की सुविधा के लिए तीन गाड़ियां और एक एम्बुलेंस खड़ी करने की अनुमति दी जाए। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

कोर्ट ने जू के लिए वर्तमान में मॉल रोड से चल रही चार शटल गाड़ियों को बढ़ा कर आठ गाड़ियां चलाने की की अनुमति दी। कोर्ट ने तल्लीताल की लेक ब्रिज चुंगी में केवल नकद राशि से ही भुगतान लेने पर आपत्ति जताते हुए पालिका से कहा कि इसके साथ ही फास्ट टैग से टॉल वसूले जाने की व्यवस्था की जाए।

कोर्ट ने स्थानीय वाहनों के लिए बाजार, अस्पताल, मंदिर आदि स्थानों में पार्किंग की व्यवस्था करने को भी कहा। कोर्ट ने सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट से हल्द्वानी से नैनीताल को आने वाले मार्ग का सर्वे कर तीन माह में रिपोर्ट देने को कहा, साथ ही रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से क्षेत्र की धारण क्षमता की जांच करवाने को कहा है।

नगर पालिका के अधिवक्ता देवेंद्र पाटनी ने कहा कि नगर पालिका अशोक पार्किंग में तीन लेवल की पार्किंग बनवाना चाहती है जिससे वहां 300 गाड़ियां पार्क की जा सकेंगी। इसकी एक मंजिल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और बच्चों के लिए फन पार्क, कैफेटेरिया आदि बनाया जाएगा, जिससे नगर पालिका की आमदनी में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से अजय रावत बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में छूट की अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र देंगे।

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