उत्तर प्रदेश में जीएसटी चोरी के खिलाफ अधिकारियों ने नकेल कसना शुरू कर दिया है। अभी तक छापेमारी के दौरान पश्चिमी यूपी की 16 से ज्यादा फर्में ब्लॉक की गई हैं। इसके अलावा 12 हजार से ज्यादा निशाने पर हैं। प्रदेश सरकार विभाग को छापेमारी के दौरान पश्चिमी यूपी में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) चोरी करने वालों में सर्वाधिक फर्में पश्चिमी यूपी में पाई गयी है। सेंट्रल व स्टेट जीएसटी द्वारा संयुक्त अभियान में 12 हजार से अधिक संदिग्ध फर्में निशाने पर है। इस संख्या में अभी और इजाफा हो सकता है।
छापेमारी के दौरान स्टेट जीएसटी के एक अधिकारी के मुताबिक, अबतक 128 फर्जी फर्में पकड़ी जा चुकी है। इनमे से 75 फर्में पश्चिमी यूपी के शहरों से जुडी पाई गयी हैं। इनके द्वारा 70 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। इनमे से 16 कंपनियों को ब्लॉक कर दिया गया है।
प्रदेश में फर्जी फर्मों के साथ कारोबार करने वाली 12 हजार से अधिक कंपनियों को स्टेट और सेंट्रल जीएसटी ने चिन्हित किया है। इनके खिलाफ छापेमारी का अभियान शुरू किया गया है। इनमे से 6195 राज्य कर के अधीन हैं। इनके खिलाफ 16 जुलाई तक छापेमारी का अभियान चलाया जाना हैं।
जीएसटी छापेमारी के दौरान देखा जा रहा है की व्यापर स्थल फर्में अस्तित्व में है या नहीं, एसटी में पंजीकृत फ़ोन नंबर काम कर रहे है या नहीं, व्यापर के हिसाब से वह इनवॉइस जारी कर रहा है या नहीं, व्यापारी द्वारा फेक इनवॉइस तो नहीं जारी किया जा रहा है। इसके साथ ही व्यापारी द्वारा खरीद दिखाया जा रहा है या सिर्फ बिक्री ही दिखाई जा रही है।
छापेमारी से जुड़े राज्य कर विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, राज्य में सभी जोनों में छापेमारी जारी है। उनका कहना है की छापेमारी के दौरान व्यापर स्थल के लिए वास्तविक रेंट एग्रीमेंट, दूसरे के आधार कार्ड से जीएसटी की चोरी की जा रही है। इसके साथ ही अभी और संदिग्ध डेटा का विश्लेषण कराया जा रहा है। मन यह जा रहा है की अभी और भी टैक्स चोरी के मामले सामने आ सकते हैं।