मामला है यूपी की राजधानी लखनऊ का। मामला साइबर फ्रॉड का है जो आजकल आम बात हो चुका है। लेकिन, केस हाई प्रोफाइल है। गोमतीनगर के विवेकखंड निवासी GST & कस्टम की सहायक आयुक्त शाइनी डेनिस ने ब्लू डॉर्ट से ऑनलाइन सामान ऑर्डर किया था।
17 सितंबर को उन्हें पता चला कि डिलिवरी का पैकेट वेयर हाउस पहुंच चुका है। अगले दिन उन्होंने डिलिवरी करने वाली कंपनी का गूगल से नंबर निकाला और बात की। कॉल रिसीव करने वाले ने बताया कि दोपहर 12 से एक बजे के बीच पैकेट रिसीव हो जाएगा।
उसके बाद उसने पांच रुपये भुगतान करने की बात की और एनी डेस्क ऐप डाउनलोड करवाकर उसमें डेटा भरवाया और एक लिंक पर क्लिक करवाकर भुगतान करवाया। कुछ देर बाद मेसेज आया तो उन्हें पता चला कि उनके खाते से दो बार में 47,678 रुपये निकल गए। तब उन्हें ठगे जाने का अहसास हुआ। पीड़िता ने गोमतीनगर थाने और साइबर क्राइम सेल में केस दर्ज करवाया है।

गूगल से कूरियर कंपनी का नंबर निकालते समय यह ध्यान नहीं दिया गया कि जिस पेज से नंबर निकाल रहे हैं, वह पेड पेज है या सामान्य। इसके अलावा कूरियर डिलिवर करवाने के लिए पांच रुपये का भुगतान कोई कंपनी नहीं करवाती है। अनजान की ओर से भेजे गए ऐप व लिंक को डाउनलोड कर डिटेल शेयर किया।

साइबर क्राइम सेल प्रभारी इंस्पेक्टर सतीश साहू ने मीडिया को बताया को कि गूगल से नंबर लेते समय हमेशा ध्यान रखें कि पेज पेड तो नहीं है। जालसाजों ने गूगल पर पेड पेज वेबसाइटों व कंपनियों के नाम से डाल रखे हैं। इसके अलावा किसी अनजान से न तो कभी लेनदेन करें और न ही ऐप डाउनलोड करें।

अमेठी जिले के सुंदरपुर निवासी और वर्तमान में बंथरा के खसरवारा स्थित लुलु वेयरहाउस में रहने वाले शैलेंद्र कुमार के मुताबिक बीती 7 सितंबर की सुबह उसके मोबाइल पर 7029202936 से एक कॉल आई।

कॉल करने वाले ने खुद को SBI कर्मी बताते हुए कहा कि आपके अकाउंट से क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 12 हजार रुपये कट जाएंगे। यदि आप इसे नहीं करवाना चाहते हैं, तो मेरे द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक करना होगा।

इस पर शैलेंद्र ने जैसे ही लिंक को ओपन किया और उसमें ओटीपी डाली, तभी उसके खाते से दो बार में 20,233 रुपये कट गए। खुद के साथ जब ठगी होने की भनक लगी तो शैलेंद्र ने साइबर सेल में इसकी सूचना दी। इसके बाद बंथरा थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर साइबर सेल के माध्यम से मोबाइल नंबर के आधार पर जालसाज का पता लग रही है।

बीबीडी इलाके की आतिफ विहार कॉलोनी निवासी प्रतियोगी छात्रा वंदना को लिंक पर क्लिक करवाकर जालसाजों ने उनके अकाउंट का यूपीआई नंबर हासिल कर लिया और उनके खाते से एक लाख रुपये निकाल लिए। वहीं, जानकीपुरम विस्तार निवासी ओम प्रकाश मिश्रा के क्रेडिट कार्ड की जानकारी धोखे से लेकर उनके खाते से 29,976 रुपये निकाल लिए। दोनों पीड़ितों ने संबंधित थानों में केस दर्ज करवाने के साथ ही साइबर सेल में भी शिकायत दर्ज करवाई है।

साइबर सेल की टीम ने पीड़ित जितेंद्र कुमार के 97,987 रुपये जालसाजों से वापस करवा दिए। जालसाजों ने पीड़ित को रिश्तेदार बताकर जाल में फंसाया था। उसके बाद क्यूआर कोड भेजकर उनके साथ ठगी की थी। पीड़ित ने मामले की रिपोर्ट संबंधित थाने में दर्ज करवाने के साथ ही साइबर सेल में भी शिकायत दर्ज करवाई थी।

साइबर सेल की टीम ने जालसाजों का पीछा किया और उनके खाते से रकम वापस लाने में कामयाब रहे। साइबर सेल में शनिवार को पीड़ित को बुलाकर रकम वापस कर दी गई।

इन सावधानी को फॉलो करके फ्रॉड से बच सकते हैं

1. किसी अनजान व्यक्ति को अपनी निजी जानकारी ना दें।
2. किसी के कहने पर अनजान ऐप को डाउनलोड ना करें।
3. किसी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें, मोबाइल हैक हो सकता है।

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