आठ महीने बाद जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को होगी। इस बैठक में पिछले तीन-चार बैठकों के दौरान लंबित मुद्दों पर चर्चा होगी। जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने पर भी विचार किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी पोर्टल पर नए रजिस्ट्रेशन के लिए आधार के बायोमीट्रिक तरीके से सत्यापन को अनिवार्य बनाया जा सकता है। साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को कम करके ५त्न किया जा सकता है। हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की यह पुरानी मांग है। जीएसटी घटने से हेल्थ इंश्योरेंस कराना सस्ता हो जाएगा और यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की दिशा में बड़ा कदम होगा।

विशेषज्ञों के मुताबिक, आधार के बायोमीट्रिक सत्यापन से जीएसटी रजिस्ट्रेशन होने पर फर्जीवाड़ा करना आसान नहीं होगा। जीएसटी प्रक्रिया लागू होने के बाद फर्जीवाड़े की नीयत से बिना किसी कारोबार के बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियों के पंजीयन हो गए थे। फिजिकल जांच पर सैकड़ों पंजीयन फर्जी पाए गए। हालांकि वर्तमान में भी जीएसटी पंजीयन के लिए अपना आधार नंबर देना पड़ता है, लेकिन अभी बायोमीट्रिक सत्यापन नहीं किया जाता है। बैठक में इन्वर्टेड ड्यूटी को तर्कसंगत बनाने के लिए कई वस्तुओं पर जीएसटी दरें बढ़ाई भी जा सकती हैं। पिछली बार कई राज्यों में चुनाव और उसके बाद लोक सभा चुनाव को देखते हुए कई वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव नहीं किया गया था।
बैठक में उर्वरकों से जीएसटी हटाने का फैसला हो सकता है। इस मामले में गठित समिति ने उर्वरकों को जीएसटी से छूट करने का प्रस्ताव दिया है। इसकी सिफारिश सरकार को भेजी गई है। अभी उर्वरकों पर 5त्न जीएसटी लगता है।
पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में शामिल करने पर काउंसिल की राय ली जा सकती है, क्योंकि पेट्रोलियम मंत्रालय विमान ईंधन और गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश कर चुका है। हालांकि इसे लेकर कोई फैसला फिलहाल बहुत मुश्किल है, क्योंकि कोई राज्य इसके लिए तैयार नहीं हैं।
आनलाइन गेमिंग कंपनियों ने भी काउंसिल से 28त्न जीएसटी को कम करने की गुजारिश की है। गेमिंग कंपनियों का कहना है कि पिछले साल अक्टूबर में दांव के पूरे मूल्य पर 28त्न जीएसटी लगने से उनकी लागत बढ़ गई है। गेमिंग कंपनियां दांव के पूरे मूल्य के बजाए कुल गेमिंग राजस्व (जीजीआर) पर जीएसटी लगाने की मांग कर रही हैं। कुल गेमिंग राजस्व दांव पर लगाई कुल रकम और जीती गई रकम का अंतर होता है। जीएसटी काउंसिल गेमिंग कंपनियों पर रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स डिमांड को समाप्त करने के लिए अधिनियम में संशोधन कर सकती है।
जीएसटी लागू हुए करीब 7 वर्ष हो गए हैं, लेकिन अभी तक व्यापारियों को अपने रिटर्न को संशोधित करने की अनुमति नहीं मिली है। जीएसटीआर-1 दाखिल करते समय बिक्री का आंकड़ा फीड नहीं हो पाता है और तुरंत पकड़ में आने के बावजूद व्यापारी रिटर्न को संशोधित नहीं कर पाते हैं। बिक्री के इस आंकड़े को अगले माह ही दिखाया जा सकता है। इससे उस माह व्यापारी को 18त्न की दर से ब्याज देना पड़ता है। जीएसटी अधिकारी इस बिक्री को नहीं दिखाने का नोटिस जारी कर ब्याज के साथ जुर्माना भी लगा सकता है। इसे देखते हुए एक नया जीएसटीआर 1ए फॉर्म लॉन्च हो सकता है, जिसमें रेकॉर्ड को संशोधित करने की अनुमति मिल सकती है।

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