भारतीय अर्थव्यवस्था और कर व्यवस्था को प्रभावी रूप से सुधारने के उद्देश्य से GST काउंसिल की 55वीं बैठक आज (शनिवार) को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमणकी अध्यक्षता में होने जा रही है। इस बैठक में वित्त मंत्री और राज्यों के वित्त मंत्रियों के बीच कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं पर GST (Goods and Services Tax) की दरों में बदलाव किए जाने की संभावना है। इस बैठक में चर्चा किए जाने वाले प्रस्तावों में से कुछ वस्तुओं पर टैक्स की दरें घटाई जा सकती हैं, जबकि कुछ अन्य वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाने की योजना है। हाल ही में मंत्रियों के समूह (GOM) द्वारा कुल 148 वस्तुओं की GST दरों में बदलाव का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन अधिकारियों के अनुसार, कुछ ही प्रस्तावों पर आम सहमति बनने की संभावना है।

काउंसिल की बैठक में एक प्रमुख प्रस्ताव जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर GST में कमी करने का है। वित्त मंत्रालय और विभिन्न राज्य सरकारों के अधिकारियों के अनुसार, सरकार द्वारा टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर टैक्स की दरों को कम करने का प्रस्ताव है। सूत्रों के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर GST में छूट देने का प्रस्ताव किया जा सकता है। इसके अलावा, 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा कवर के प्रीमियम पर GST को कम करने का भी विचार किया जा रहा है। मंत्री समूह ने नवंबर में यह सिफारिश की थी कि टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम को GST से छूट दी जाए, जिससे आम जनता को एक बड़ी राहत मिल सके।

स्विगी और जोमैटो जैसे ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफार्मों पर भी GST में कमी की संभावना जताई जा रही है। वर्तमान में इन प्लेटफार्मों पर 18 प्रतिशत GST  (इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ) लगता है, लेकिन इसे घटाकर 5 प्रतिशत (इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना) करने का प्रस्ताव किया गया है। यदि यह बदलाव लागू होता है, तो ऑनलाइन फूड डिलीवरी से जुड़े खर्चों में कमी आ सकती है और ग्राहकों के लिए यह एक राहत की बात होगी।

इसके साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों और छोटे पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री पर GST दर में वृद्धि का प्रस्ताव भी रखा गया है। मंत्री समूह ने सुझाव दिया है कि इन वाहनों पर मौजूदा 12 प्रतिशत GST  को बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया जाए। इस बदलाव से पुरानी और छोटी कारों को नए और महंगे वाहनों के बराबर टैक्स स्लैब में ला दिया जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया जा सकता है, ताकि सभी वाहनों पर समान टैक्स दर लागू हो सके।

GST काउंसिल के एक अन्य प्रस्ताव के तहत कोल्ड ड्रिंक्स, सिगरेट, तंबाकू उत्पादों और अन्य हानिकारक उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की सिफारिश की गई है। मौजूदा 28 प्रतिशत की GST दर को बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। यह कदम विशेष रूप से स्वास्थ्य से जुड़ी चिंताओं को लेकर उठाया जा सकता है, क्योंकि सरकार का लक्ष्य हानिकारक उत्पादों के उपयोग को कम करना है।

GST काउंसिल की बैठक में कपड़ों, जूते, और घड़ियों पर भी GST दरों में बदलाव की संभावना है। 1,500 रुपये तक की कीमत वाले तैयार कपड़ों पर 5 प्रतिशत GST का प्रस्ताव है, जबकि 1,500 रुपये से 10,000 रुपये तक के कपड़ों पर 18 प्रतिशत GST  लगेगा। 10,000 रुपये से अधिक कीमत वाले कपड़ों पर 28 प्रतिशत GST  का प्रस्ताव है। इसके अलावा, 15,000 रुपये से अधिक कीमत वाले जूतों और 25,000 रुपये से ऊपर की कलाई घड़ियों पर 28 प्रतिशत GST  बढ़ाने का प्रस्ताव है। यह बदलाव, विशेष रूप से उच्च मूल्य वाले वस्त्रों और लक्जरी आइटम्स पर लागू होगा।

GST काउंसिल ने 20 लीटर से अधिक पैक्ड ड्रिंकिंग वॉटर पर GST को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। साथ ही, 10,000 रुपये से कम कीमत वाली साइकिलों पर GST को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, एक्सरसाइज नोटबुक पर GST को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का सुझाव भी दिया गया है।

कुल मिलाकर, GST काउंसिल की आज की बैठक में GST दरों के संबंध में बड़े बदलाव की संभावना है। सरकार द्वारा विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स की दरें घटाने या बढ़ाने की योजना है, जिससे आम जनता और उद्योगों दोनों को लाभ हो सकता है। विशेष रूप से स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा, ऑनलाइन फूड डिलीवरी, और हानिकारक उत्पादों पर टैक्स के संबंध में महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। इसके साथ ही, उच्च मूल्य वाले वस्त्रों, जूतों और घड़ियों पर भी टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव है। GST काउंसिल की 55वीं बैठक में जीवन बीमा, ऑनलाइन फूड डिलीवरी, और अन्य वस्तुओं पर टैक्स दरों में बदलाव पर चर्चा हो रही है। टैक्स में कमी के प्रस्ताव में जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम, ऑनलाइन फूड ऑर्डर, और वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ हानिकारक उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने और अन्य वस्त्रों पर टैक्स में बदलाव के प्रस्ताव भी दिए गए हैं।

 

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