पंजाब । श्री हरमंदिर साहिब से गुरबाणी के सीधे प्रसारण को फ्री करने और सभी चैनलों को इसका प्रसारण करने का अधिकार मिलने को लेकर उठा विवाद अब राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है। इस मामले को लेकर दिल्ली के सिख संगठनों एवं सिख जत्थेबंदियों ने सख्त विरोध जताते हुए पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि वह सिखों के धार्मिक मामले में हस्तक्षेप न करे।
इस मामले को लेकर रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने पंजाब सरकार और इस मसले का समर्थन करने वालों को आड़े हाथों लिया। शंटी ने बाकायदा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर पर भी पलटवार करते हुए हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीबी जागीर कौर श्री दरबार साहिब से गुरबाणी प्रसारण को लेकर नई-नई सलाह दे रही हैं। बार-बार गुरबाणी प्रसारण मामले को बिजनैस से जोड़कर देख रही हैं लेकिन शायद वह यह भूल गई हैं कि जब वह एस.जी.पी.सी. की अध्यक्ष हुआ करती थीं, तब उन्होंने ही एक निजी चैनल को गुरबाणी का सीधा प्रसारण करने की इजाजत दी थी।
इस दौरान गुरमीत सिंह शंटी ने बीबी जागीर कौर से जुड़े कई दस्तावेज भी दिखाते हुए कहा कि उन्होंने जो प्रसारण के लिए समझौता किया था उसमें साफ लिखा है कि इस दौरान जो विज्ञापन से धन प्राप्त होगा, उसका 10 प्रतिशत लाभ एस.जी.पी.सी. को भी जाएगा। ऐसे में उन्हें यह कहने का कोई हक नहीं बनता है कि प्रसारण पर किसी एक संस्थान व परिवार का अधिकार है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों परमजीत सिंह खुराना, सुखविंदर सिंह बब्बर, गुरप्रीत सिंह खन्ना, इंदरप्रीत सिंह कोचर, पूर्व सदस्य सुरिंदर सिंह कैरों भी इस अवसर पर उपस्थित थे।