जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर के निर्देश पर मंगलवार को दाउदपुर स्थित डॉ संतोष शंकर रे के अस्पताल को सील कर दिया गया। जब टीम अस्पताल को सील करने पहुंची तो डॉ. रे प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तीन मरीजों का आपरेशन कर निकले थे। ऐसे में डॉक्टर और मरीज के परिजनों द्वारा प्रतिरोध भी किया गया।

विशेष कार्य अधिकारी पीके सिंह के नेतृत्व में जीडीए की प्रवर्तन टीम मंगलवार की सुबह दाउदपुर स्थित डॉ रे के अस्पताल पहुंची। अस्पताल में हर दिन की तरह काफी संख्या में मरीज और उनके परिजन थे। डॉ रे आपरेशन थियेटर से तीन मरीजों का आपरेशन कर बाहर निकले थे। कई मरीज आपरेशन के लिए अपनी बारी की प्रतिक्षा कर रहे थे। जीडीए अधिकारियों ने उन्हें नोटिस थमाया और उसके बाद अस्पताल को सील कर दिया। डॉ. रे को निर्देशित किया कि आवासीय परिसर में किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधि की संचालन न करें। ऐसा करने पर नियमानुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजा डॉ रे ने प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के अंतर्गत आपरेशन कराने वाले मरीज शिवानी, झीनक और करण कुमार को दूसरे अस्पताल में बातचीत कर शिफ्ट कराया। ताकि उन्हें किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। कार्रवाई के दौरान उपचार कराने आए मरीजों को काफी दिक्कत उठानी पड़ी।

डॉ. संतोष शंकर रे ने बताया कि उन्होंने तारामंडल क्षेत्र में सिद्धार्थ इंक्लेव एक्सटेंशन में जीडीए की जमीन को खरीदा है। इस जमीन को लेकर जीडीए व एक दबंग से विवाद है। दबंग के पक्ष में जीडीए के एक प्रभावशाली अधिकारी व्यक्तिगत रुचि लेकर दबाव बनवा रहे हैं। यह मामला हाईकोर्ट में भी है। जिसमें एकतरफा कार्रवाई करने पर जीडीए की फजीहत हो रही है। उसी का प्रतिशोध लेने के लिए यह कार्यवाही की जा रही है। जीडीए पहले जमीन बैनामा कर नक्शा पास कर चुका है। अब दोबारा जीडीए के अधिकारी जमीन का नया एग्रीमेंट साइन करने का दबाव बना रहे हैं।

गोरखपुर विकास प्राधिकरण विशेष कार्याधिकारी पीके सिंह ने इस बारे में बताया कि अवैध निर्माण के कारण पूरा हॉस्पिटल कैम्पस सील हुआ है। नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 37 के अंतर्गत यह सीलिंग की कार्यवाही हुई है।

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