उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। बुधवार सुबह गौरीकुंड में भूस्खलन की एक और घटना हुई जिसमें तीन बच्चे मलबे में दब गए हैं जिसमे से दो बच्चों की मौत हो गई है, जबकि एक घायल है जिसको उपचार के लिए अस्पताल मे भर्ती कराया गया है।
केदारनाथ यात्रा मार्ग के आधार शिविर गौरीकुंड में लगातार बारिश के बीच बुधवार सुबह एक झोंपड़ी के भूस्खलन के मलबे की चपेट में आने से उसमें सो रहे एक परिवार के दो बच्चों की मृत्यु हो गयी तथा एक अन्य घायल हो गया।
गौरीकुंड में पांच दिन के भीतर भूस्खलन की यह दूसरी घटना है।
रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि गौरीकुंड गांव में हेलीपैड के समीप स्थित झोंपड़ी ऊपर पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में आ गयी जिससे उसके मलबे में परिवार के चार सदस्य दब गए।
उन्होंने बताया कि जानकी नामक महिला को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया जबकि उसके तीनों बच्चे मलबे में दब गए।
सूचना मिलने पर राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंचे और बच्चों को बाहर निकालकर गौरीकुंड के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में डॉक्टरों ने दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया जबकि एक अन्य बालिका हादसे में घायल हो गयी।
हादसे में बच गयी बालिका की पहचान आठ वर्षीय स्वीटी के रूप में हुई है जबकि उसकी छोटी बहन पांच वर्षीय पिंकी तथा एक अन्य बच्चा मृतकों में शामिल हैं।
झोंपडी में रहने वाला परिवार नेपाली था। बच्चों का पिता सत्यराज मजदूरी करता है तथा हादसे के वक्त वह अपने गांव नेपाल गया हुआ था।
गौरीकुंड गांव में स्थित घटनास्थल की दूरी उस स्थान से महज कुछ किलोमीटर दूर है जहां पांच दिन पहले हुए भूस्खलन में तीन व्यक्तियों की मौत हो गयी थी और 20 अन्य लापता हो गए थे ।