भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित हुए जी20 शिखर सम्मेलन का रविवार को समाप्न हो गया है। नए भारत के आगे पूरी दुनिया झुकती हुई नजर आई। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान से लेकर चीन में खलबली मची हुई है। जी20 में कुछ ऐसी बातें हुई जिसने भारत की कूटनीति का लोहा मनवाया। चीन अपनी नापाक हरकतों की वजह से भारत सहित अपने सभी पड़ोसी मूल्कों पर दबाव बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है। इसी बीच जी20 में भारत ने कुछ ऐसे कदम उठाए है, जिससे चीन की हेकड़ी कम हो जाएगी।
G20 सम्मेलन खत्म होने के कुछ देर बाद ही भारत ने चीन को एक बड़ा संदेश दिया है। भारत ने ऐलान किया है कि लद्दाख के न्योमा में दुनिया का सबसे ऊंचा लड़ाकू हवाई क्षेत्र का निर्माण करने जा रहा है। इस परियोजना का शिलान्यास रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 12 सितंबर, 2023 को जम्मू के देवक ब्रिज से करने जा रहे है। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) की ओर से पूर्वी लद्दाख में काफी महत्वपूर्ण न्योमा बेल्ट में एक नए एयरफील्ड के निर्माण में कुल 218 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
जी20 सम्मेलन में कई प्रोजेक्ट पर सहमति बनी। भारत और अमरीका के बीच 6जी टेक्नोलॉजी को डेवलव करने पर सहमति बनी है। इसके लिए अलायंस और एमओयू तैयार हुआ है। अभी 5जी के मामले में चीन का दुनिया के बाजार में दबदबा है। लेकिन इस प्रोजेक्ट से चीन के कनेक्टिविटी डिवाइस सेक्टर में बाहुबल को कम करेगा।
भारत और यूएस के बीच 8300 करोड़ रुपए का एक ‘रीन्यूएबल इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड’ बनाने पर सहमति बनी है। इससे बैटरी स्टोरेज और ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलेगा। भारत बहुत तेजी से अपने आप को ई-मोबिलिटी पर ट्रांसफर करना चाहता है। लेकिन बैटरी, लीथियम इत्यादि के मामले में चीन का दबदबा है। अब भारत इस मामले में अपने पड़ोसी देश को पीछे छोड़ सकता है।
रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर एक तरफ चीन और रूस है। दूसरी तरफ पश्चिम के देश। ऐसे में जी20 में नई दिल्ली घोषणा पत्र पर सर्वसम्मति बनना भी चीन को नीचे दिखाने वाला ही एक कदम है। भारत ने किसी भी देश को नाराज किए बिना ही जॉइंट स्टेटमेंट पर सहमति बना ली, जो जी20 की 200 से ज्यादा मीटिंग्स में नहीं बन पाई थी।