आज यानी 9 सितंबर से जी-20 की बैठक शुरू हो जाएगी। बैठक से पहले मेहमानों के स्वागत के लिए जबरदस्त व्यवस्था की गई है। नेताओं को भारतीय संस्कृति की झलक भी दिखाई जा रही है। सभी विदेशी मेहमान काफी खुश नजर आ रहे हैं। इसी क्रम में आज वेलकल हैंडशेक कार्यक्रम भी रखा गया। इस कार्यक्रम को खास बनाने के लिए भी सरकार की तरफ से विशेष व्यवस्था की गई थी।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सभी नेताओं का स्वागत हाथ मिलाते हुए ओडिशा के कोणार्क व्हील का प्रदर्शन किया गया। नेताओं को इसके इतिहास के बारे में भी बताया गया। बता दें कि कोणार्क चक्र का निर्माण, 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में किया गया था। 24 तीलियों वाला पहिया भी भारत के राष्ट्रीय ध्वज में अपनाया गया है और यह भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और वास्तुशिल्प उत्कृष्टता का प्रतीक है।

कोणार्क चक्र की घूमती गति समय, कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है। यह लोकतंत्र के पहिये के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में कार्य करता है जो लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेबियस, आईएमएफ (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) के प्रबंध निदेशक, क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ईभारत मंडपम स्थल पर पहुंचने वाले पहले कुछ नेताओं में से थे।

कल राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने वाले नेताओं में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा, ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बनीस और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस सहित विश्व नेता शामिल हैं।

 

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