जी-20 शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पुतिन के ना आने से नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ये कहना है विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी का। उन्होंने रविवार को मीडिया से बात करते हुए दोनों जी-20 नेताओं पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने शी जिंगपिंग और व्लादिमीर की गैर मौजूदगी को ज्यादा तवज्जों ना देते हुए कहा कि शिखर सम्मेलन के अंत में जारी किया जाने वाला घोषणापत्र लगभग तैयार हो चुका है और यह देशों का विशेषाधिकार है कि वे किसे भेजना चाहते हैं।
मीनाक्षी लेखी ने चीनी और रूसी राष्ट्रपतियों की अनुपस्थिति पर अपने बयान में कहा कि, ”इसका शिखर सम्मेलन के नतीजे पर असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि अभी ज्यादातर चीजों पर काम हो चुका है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह घोषणा का हिस्सा है और यह उन देशों का विशेषाधिकार है कि वे जिसे चाहें वहां भेजें और उनके माध्यम से प्रतिनिधित्व किया जाए। लेखी ने कहा कि मुझे यकीन है कि उन देशों के लिए आंतरिक कारण होंगे कि वे आने के लिए इस स्थिति में नहीं हैं।
#WATCH | On the absence of Chinese and Russian Presidents in the G20 Summit, Union Minister Meenakshi Lekhi says, “It doesn’t have an impact on the outcome of the summit because most things have been worked at now is part of the declaration and I can only say that it is those… pic.twitter.com/WGC6Ts5bOI
— ANI (@ANI) September 3, 2023
मीनाक्षी लेखी ने अपने बयान में कहा कि ग्लोबल साउथ के सभी नेता और यह समूह लगभग आवाजहीन समूहों की तरह थे। इसलिए भारत ने आवाजहीनों की आवाज बनना, उनकी आवाज का प्रतिनिधित्व करना चुना। हम ग्लोबल साउथ का भी प्रतिनिधित्व करते हैं क्योंकि हम 1.4 अरब लोग हैं। इसलिए जीवन, आजीविका, लोगों और संसाधनों को प्रभावित करने वाली नीतियों पर चर्चा की जानी चाहिए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह चीन का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री ली कियांग करेंगे। वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान भारत आने में अपनी असमर्थता जाहिर की है। मालूम हो कि 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को होगा।