पूरे उत्तर भारत में घने कोहरे की मार के कारण रेल, सड़क और वायु यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
ट्रेनों की रफ्तार कम हो गई है तो दूसरी ओर 30 से अधिक उड़ाने या तो समय पर नहीं पहुंच पाई या उड़ान नहीं भर पाई। कोहरे के कारण सड़क यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसके चलते कई जगह सड़क दुर्घटनाओं से लोगों को दो-चार होना पड़ा है।
कोहरे के कारण गंतव्य स्टेशनों पर पहुंचने में ट्रेनें लेट-लतीफी का शिकार हो रही हैं। इससे रेलयात्रियों को परेशानी का सामना कर रहा है। बावजूद इसके रेलवे संरक्षा पहलुओं को प्राथमिकता दे रहा है ताकि ट्रेनों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
दिसम्बर का आखिरी सप्ताह आने के साथ ही सर्दी का सितम शुरू हो गया है। सर्दी के साथ ही घना कोहरा बढ़ने लगा है। कोहरे का सबसे अधिक प्रभाव उत्तर भारत पर पड़ रहा है।
इस वजह से ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हो रहा है। देर रात से लेकर सुबह तक अपने सफर में रहने वाली ट्रेनों पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ रहा है।
इससे अपने गंतव्य स्टेशनों पर पहुंचने वाली लंबी दूरी की ट्रेनें काफी देर से पहुंच रही हैं। हालांकि ट्रेनों की समयबद्धता और संरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए परिचालन से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी 24 घंटे लगे हुए हैं। उनकी प्राथमिकता है कि सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाए।
कोहरे के दौरान सुरक्षित और समयबद्ध ट्रेनों को चलाने के लिए कुछ सप्ताह पहले से ही रेलवे की ओर से तैयारी की जाती है।
इस दौरान ट्रेनों के अनावश्यक दबाव को कम करने के लिए दर्जनों ट्रेनों के परिचालन को रद्द भी किया जाता है ताकि अन्य जरूरी ट्रेनों और मालगाड़ियों का संचालन सुनिश्चित किया जा सके। इसके बावजूद अत्यधिक कोहरे के कारण ट्रेनों के समय पर परिचालन को लेकर दिक्कतें आती हैं।
12 उड़ानें डायवर्ट
दिल्ली हवाईअड्डे पर मंगलवार को 12 उड़ानों का मार्ग परिवर्तित करना पड़ा और कई उड़ानों में देरी हुई। एक अधिकारी ने बताया, घने कोहरे के कारण सुबह छह बजे से अपराह्न 12 बजे के बीच 11 उड़ानों को जयपुर जबकि एक को लखनऊ भेजा गया। सुबह 30 से अधिक उड़ानों में देरी हुई है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लगभग सुबह साढ़े सात बजे कोहरे की चेतावनी देते हुए कहा कि सीएटी-3 के अनुरूप नहीं होने वाली उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं।