विद्या भारती भारत में सबसे बड़ा गैर सरकारी शिक्षा संगठन : डॉ. राम मनोहर

नेतृत्व का अर्थ है दूसरों को एक साझा लक्ष्य की ओर प्रेरित करना : दिव्यकांत शुक्ल

प्रयागराज, 10 मई (हि.स.)। विद्या भारती से सम्बद्ध काशी प्रांत के रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज राजापुर में प्रधानाचार्य बांके बिहारी पाण्डेय के संयोजन में चल रहे पांच दिवसीय प्रांतीय प्रधानाचार्य एवं कार्यालय प्रमुख योजना बैठक का समापन हुआ। मुख्य अतिथि क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश डॉ. राम मनोहर ने कहा कि सरस्वती मंदिरों की संख्या निरंतर बढ़ रही है और आज विद्या भारती भारत में सबसे बड़ा गैर सरकारी शिक्षा संगठन बन चुका है।

सह क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ. राम मनोहर ने विद्या भारती के बारे में कहा कि आज लक्षद्वीप और मिजोरम को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में 86 प्रांतीय एवं क्षेत्रीय समितियां विद्या भारती से संलग्न हैं। इनके अंतर्गत कुल मिलाकर 30,000 शिक्षण संस्थाओं में 9 लाख शिक्षकों के मार्गदर्शन में 45 लाख छात्र-छात्राएं शिक्षा एवं संस्कार ग्रहण कर रहे हैं। इनमें से 49 शिक्षक प्रशिक्षक संस्थान एवं महाविद्यालय, 2353 माध्यमिक एवं 923 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, 633 पूर्व प्राथमिक एवं 5312 प्राथमिक, 4164 उच्च प्राथमिक एवं 6127 एकल शिक्षक विद्यालय तथा 3679 संस्कार केंद्र हैं। आज नगरों और ग्रामों में, वनवासी और पर्वतीय क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ियों में, शिशु वाटिकाएं, शिशु मंदिर, विद्या मंदिर, सरस्वती विद्यालय, उच्चतर शिक्षा संस्थान, शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र और शोध संस्थान हैं।

अध्यक्षता करते हुए पूर्व सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद दिव्यकांत शुक्ल ने कहा कि नेतृत्व का अर्थ है दूसरों को एक साझा लक्ष्य की ओर प्रेरित और मार्गदर्शन करना, उन्हें प्रेरित करना और एक सकारात्मक वातावरण बनाना। नेतृत्व के कई प्रकार हैं, जिनमें निरंकुश, लोकतांत्रिक, अहस्तक्षेप, परिवर्तनकारी और सेवक नेतृत्व शामिल हैं। नेतृत्व एक महत्वपूर्ण कौशल है जो लोगों को एक साथ काम करने और साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है। विभिन्न प्रकार के नेतृत्व शैलियों में से, नेता को अपने अनुयायियों और स्थिति के अनुसार सबसे उपयुक्त शैली का चयन करना चाहिए।

क्षेत्रीय संगीत संयोजक एवं मीडिया प्रभारी मनोज गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम के प्रथम सत्र में प्रधानाचार्य दिनेश कुमार दुबे ने क्रिया शोध, प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह ने प्रचार प्रसार, प्रधानाचार्य राकेश मणि त्रिपाठी ने विद्वत परिषद, प्रधानाचार्य इंद्रजीत त्रिपाठी ने सरस्वती प्रतिभा खोज एवं प्रधानाचार्य युगल किशोर मिश्रा ने परीक्षा पर विस्तृत चर्चा की। इसके बाद संकुलशः कार्य योजना एवं विद्यालय अभिलेखों का वाचन किया गया।

प्रदेश निरीक्षक काशी प्रांत शेषधर द्विवेदी ने पांच दिवसीय कार्यक्रम का वृत्त निवेदन प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला। विद्या भारती द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को एवं रानी रेवती देवी के पूर्व छात्र आई.ए.एस आलोक यादव को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर पूर्व शासकीय अधिवक्ता एवं विद्यालय के प्रबंधक शिवकुमार पाल, भारतीय शिक्षा समिति के मंत्री एवं विद्यालय के प्रबंधक शरद कुमार गुप्त, विद्या भारती के समस्त अधिकारी सहित सभी प्रधानाचार्य एवं कार्यालय प्रमुख उपस्थित रहे। अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य बांके बिहारी पाण्डेय व संचालन प्रधानाचार्य सुरेश त्रिपाठी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन संभाग निरीक्षक गोपालजी तिवारी ने किया।

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