महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए – FDA) के आयुक्त राजेश नार्वेकर ने शुक्रवार को कहा कि खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ लाइसेंस रद्द करने, जुर्माना लगाने सहित कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नार्वेकर ने कहा कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 तथा खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य कारोबार का अनुज्ञापन और रजिस्ट्रीकरण) विनियम 2011 के अनुसार, शाकाहारी और मांसाहारी खाद्य पदार्थों को अलग-अलग तैयार, प्रसंस्कृत और पकाया जाना चाहिए।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि खाद्य सामग्री के भंडारण और उन्हें सौंपने के दौरान भी दोनों प्रकार के खाद्य पदार्थों को अलग-अलग रखना अनिवार्य है।

एक आधिकारिक बयान में नार्वेकर ने कहा, “खाद्य व्यवसाय से जुड़े सभी संचालकों को सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।

सुरक्षा मानकों के उल्लंघन की स्थिति में तुरंत नोटिस जारी किए जाएंगे और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। खाद्य सुरक्षा केवल एक नियामक पहलू नहीं है, बल्कि यह जन स्वास्थ्य से जुड़ी एक महत्वपूर्ण सामाजिक जिम्मेदारी है।”

उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष राज्य के 30,000 से अधिक खाद्य व्यवसाय संचालकों को सुरक्षा मानकों का प्रशिक्षण दिया गया।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष एफडीए का लक्ष्य एक लाख खाद्य व्यवसायियों को प्रशिक्षण देना है। 

विभाग के अनुसार, ‘‘एफडीए, भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के सहयोग से खाद्य सुरक्षा एवं प्रमाणन प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत जागरुकता अभियान, प्रशिक्षण सत्र और कार्यशालाएं आयोजित कर रहा है।’’

बयान के अनुसार एफडीए में सात जून को 189 नए खाद्य सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए हैं, जिससे राज्यभर में होटल, रेस्तरां और खाद्य प्रतिष्ठानों में निरीक्षण की गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।

बयान में कहा गया कि राज्यभर में नियमित निरीक्षण पहले से ही जारी हैं और जो प्रतिष्ठान अधिनियम का उल्लंघन करते पाए जा रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे खाद्य मिलावट से संबंधित शिकायतें एफडीए की हेल्पलाइन या ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट’ मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से दर्ज कराएं।

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