समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को चुनावों में मतपत्रों के इस्तेमाल की वकालत की और ईवीएम का नाम लिए बिना कहा कि “इन” मशीनों और (चुनाव के) नतीजों ने लोगों के मन में अविश्वास की भावना पैदा की है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारत “बर्गर, पिज्जा और जींस” को लेकर अमेरिकियों का अनुसरण कर रहा है, तो उनके द्वारा मतपत्रों के उपयोग की भी नकल की जानी चाहिए।
सत्तारूढ़ भाजपा का जिक्र करते हुए, अखिलेश ने कहा कि पार्टी के पास सत्ता है और वह विमर्श तय करेगी और कोई भी कुछ भी कहेगा, उसे बदल देगी। उन्होंने कहा, “मैंने कई बार कहा था कि हम प्रौद्योगिकी को समझते हैं और हम तकनीक के साथ बड़े हुए हैं। इस उत्तर प्रदेश में, सपा सरकार ने सबसे ज्यादा लैपटॉप बांटे थे। दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में महीनों तक मतदान होता है और फिर गिनती में महीने लग जाते हैं।140 करोड़ लोग देश का भविष्य तय करते हैं। आप तीन घंटे में नतीजे क्यों चाहते हैं ? एक महीने तक गिनती क्यों नहीं होनी चाहिए?”
अखिलेश यादव ने कहा कि जब हाल में उत्तराखंड की एक सुरंग में बचाव अभियान के दौरान अमेरिकी मशीनें विफल हो गई, तो देश के युवाओं ने लोगों को बचाने में कामयाबी हासिल की। सपा का विचार है कि चाहे हम हारे या जीतें, हम चाहते हैं कि लोकतंत्र में विश्वास बढ़े। इन मशीनों और परिणामों ने लोगों के मन में अविश्वास की भावना पैदा की है। शायद तकनीक सही हो सकती है, लेकिन कहीं न कहीं, लोगों में अविश्वास की भावना है। इसलिए, हमारा विचार है कि मतदान मतपत्र के माध्यम से होना चाहिए।”