आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि बैलट पेपर से वोटिंग कराई जानी चाहिए न की ईवीएम से। उन्होंने चुनाव में मतपत्रों के इस्तेमाल का आह्वान किया है।

उन्होंने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, “जिस तरह न्याय न केवल किया जाना चाहिए बल्कि यह दिखना भी चाहिए, उसी तरह लोकतंत्र न केवल कायम रहना चाहिए बल्कि ऐसा होते दिखना भी चाहिए”।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के अध्यक्ष ने बताया कि लगभग हर विकसित देश बैलट पेपर का इस्तेमाल कर रहा है।

उन्होंने कहा, “दुनिया भर में लगभग हर विकसित देश में लोकतंत्र में चुनावी प्रक्रियाओं में ईवीएम का नहीं, बल्कि मतपत्रों का उपयोग किया जाता है। हमें भी अपने लोकतंत्र की सच्ची भावना को बनाए रखने के लिए उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।”

जगन मोहन रेड्डी की पार्टी को हाल ही में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है। टेक अरबपति एलन मस्क के ईवीएम पर सवाल उठाने की बहस में अब रेड्डी भी शामिल हो गए हैं।

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भारत में ईवीएम को “ब्लैक बॉक्स” करार दिया था। कांग्रेस सांसद ने एक्स पर लिखा, “भारत में ईवीएम एक “ब्लैक बॉक्स” है, और किसी को भी इसकी जांच करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंता है।”

उन्होंने कहा, “जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की ओर बढ़ने लगता है।”

राहुल गांधी ने उन समाचार रिपोर्टों का भी हवाला दिया जिनमें कहा गया था कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा में जीतने वाले उम्मीदवार ईवीएम से जुड़े फोन का इस्तेमाल कर रहे थे।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने भी कहा था कि ईवीएम में हेरफेर किया जा सकता है।

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, “मैंने इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम, आईटी, सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में 60 साल बिताए हैं। मैंने ईवीएम सिस्टम का अध्ययन किया है और मेरा मानना है कि इसमें हेरफेर किया जा सकता है। सबसे अच्छा तरीका पारंपरिक पेपर बैलट है।”

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