लखनऊ । उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों ने बिजली दरों में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव दिया है। जिस पर विद्युत नियामक आयोग सुनवाई कर रहा है। दरअसल, बिजली कंपनियों ने मौजूदा दरों में औसतन 15.85% वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव पर सुनवाई होने के बाद बिजली उपभोक्ताओं को एक बड़ा झटका लगने वाला है, क्योंकि घरेलू बिजली की दर में भी 18.59% बढ़ोतरी होगी। विद्युत नियामक आयोग 21 अप्रैल को इस प्रस्ताव पर सुनवाई कर सकता है।

बता दें कि, बिजली कंपनियों ने विभिन्न श्रेणियों में बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। जिनमें कंपनियों ने मौजूदा दरों में औसतन 15.85% वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। 18% से ज्यादा घरेलू बिजली महंगी करने का प्रस्ताव, निजी और सरकारी संस्थानों की बिजली में 17.62% का प्रस्ताव, अस्थाई कनेक्शन की दर में 18.90% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव, भारी उद्योग में 16.25% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। घरेलू बिजली की दर में 18.59% इजाफा हो सकता है। जिसमें 100 यूनिट तक 3.35 रुपये प्रति यूनिट की दर को 4.35 रुपये प्रस्तावित किया गया है।

प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढ़ोतरी से पहले सुनवाई का प्रावधान है। इसके तहत बीते 10 अप्रैल को वाराणसी में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की सुनवाई हो चुकी है। निगम की ओर से दी गई प्रस्तावित दरों को लेकर व्यापक तौर पर विरोध हो रहा है। अब इन प्रस्तावों पर उपभोक्ताओं का पक्ष जानने के लिए 21 अप्रैल को लखनऊ में सुनवाई होगी। वहीं, इन प्रस्तावित दरों को पर बात करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि, यह प्रस्तावित दरों में बढ़ोतरी अधिक है। उनका कहना है कि उपभोक्ताओं का ही बिजली कंपनियों पर 25,133 करोड़ रुपये निकल रहा है इसलिए दरों में इजाफा नहीं होना चाहिए।

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