तमिलनाडु में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी जारी है। ईडी ने तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में कार्रवाई की है। जिसके बाद ईडी और सीबीआई को लेकर तमिलनाडु सरकार सहित विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर हैं।

इस बीच तमिलनाडु सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए सीबीआई से सामान्य सहमति वापस ले ली है। सीबीआई से सामान्य सहमति वापस लेने का मतलब है कि केंद्रीय जांच एजेंसी को अब राज्य में एक नया मामला शुरू करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी।

कांग्रेस समेत कई प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने तमिलनाडु में ईडी की ओर से बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने बयान में कहा कि विपक्षी दल ऐसे कदमों के झुकने वाले नहीं हैं।

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जोरदार हमला करते हुए कहा कि सीबीआई और ईडी का नाम बदलकर ‘बीजेपी सेना’ कर देना चाहिए।

केंद्रीय जांच एजेंसी को अब राज्य में कोई भी जांच करने से पहले तमिलनाडु सरकार से अनुमति लेनी होगी। तमिलनाडु सीबीआई द्वारा जांच के लिए अपनी सामान्य सहमति वापस लेने वाला दसवां भारतीय राज्य बन गया।

इससे पहले जिन अन्य नौ राज्यों ने मामलों की जांच के लिए सीबीआई से अपनी सामान्य सहमति वापस ले ली थी, उनमें छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, मेघालय, मिजोरम, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

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