प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में एक ‘बाइक टैक्सी योजना’ के प्रवर्तकों के खिलाफ धनशोधन जांच के तहत 2.38 करोड़ रुपये मूल्य के दो दर्जन से अधिक कृषि भूखंड कुर्क कर लिए। योजना के प्रवर्तकों ने कथित तौर पर 72 करोड़ रुपये के सार्वजनिक धन की हेराफेरी की है।
ईडी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अस्थायी रूप से कुर्क 28 भूखंड ‘हेलो राइड लिमिटेड’ की सहयोगी कंपनियों के नाम पर पंजीकृत हैं और लखनऊ के मोहनलालगंज में स्थित हैं। इसमें कहा गया कि भूखंडों का कुल मूल्य 2.38 करोड़ रुपये है। एजेंसी ने कहा कि कुर्क की गई संपत्ति 2018-2019 के दौरान निवेशकों की जमा राशि से प्राप्त आपराधिक आय के माध्यम से हासिल की गई थी।
ईडी ने कहा कि ‘हेलो राइड लिमिटेड’ के निदेशकों ने ओला और उबर सेवाओं (ऐप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनियों) के समान ‘हेलो राइड’ के बैनर तले एक ‘बाइक टैक्सी योजना’ शुरू की थी और कंपनी ने प्रति बाइक 61,000 रुपये के निवेश पर एक साल के लिए 9,585 रुपये प्रति महीने का भुगतान करने का वादा किया था। इसने कहा कि निवेश पर इतने ऊंचे रिटर्न का लालच देकर ‘हेलो राइड लिमिटेड’ ने लोगों से 72 करोड़ रुपये की जमा राशि एकत्र की और अपने निवेशकों को मासिक रिटर्न का भुगतान करने का अपना वादा पूरा नहीं किया। पीएमएलए मामला 2019 में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कंपनी और इसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद सामने आया, जिसमें अभय कुमार कुशवाहा, निखिल कुशवाहा, मोहम्मद आजम अली और नीलम वर्मा शामिल हैं।