ED के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को लेकर सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को मंगलवार को बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को लेकर अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने संजय मिश्रा को तीसरा कार्यकाल विस्तार देने का आदेश रद्द कर दिया है। साथ ही अदालत ने उनके कार्यकाल विस्तार को अवैध भी बता दिया। जैसे ही ये फैसला आया तमाम विपक्षी पार्टियां एक सुर से सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करने और BJP पर निशाना साधने लगे। विपक्षी नेताओं के बयान के बाद अब गृहमंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया सामने आई है जिसमें उन्होंने कहा है कि इस फैसले पर ख़ुशी मना रहे लोग भ्रमित हैं।

सबसे पहले संजय कुमार मिश्रा को नवंबर 2018 में पहली बार निदेशक बनाया गया था। इनका पहला कार्यकाल नवंबर 2020 में खत्म होने वाला था। लेकिन पीएम मोदी इनके कार्यशैली और भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई कार्रवाई से काफी संतुष्ट थे इसीलिए सरकार ने संजय मिश्रा के कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ा दिया, ताकि अधूरे काम को पूरा किया जा सके।

केंद्र की मोदी सरकार ने 13 नवंबर 2020 को एक आदेश जारी किया जिसमें बताया कि राष्ट्रपति ने 2018 के आदेश में बदलाव को मंजूरी दी है, जिससे 2 साल का कार्यकाल तीन साल का हो गया। सरकार द्वारा लिए गये इस फैसले को NGO कॉमन कॉज ने SC में चुनौती दी।

इसके बाद सितंबर 2021 में SC ने इस मामले में निर्णय सुनाया। इसमें संजय मिश्रा को मिले पहले विस्तार को बरकरार रखने का फैसला हुआ। लेकिन अदालत ने ने साफ कहा था कि मिश्रा को अब इस पद पर कोई एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा। लेकिन इसी के साथ अदालत ने यह भी कहा था कि विस्तार बेहद कम समय के लिए अपवाद और इमरजेंसी की स्थिति में ही दिया जा सकता है।

अदालत के निर्णय के बावजूद केंद्र सरकार ने मिश्रा को दो और कार्यकाल विस्तार दिया। इसके लिए नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने सेंट्रल विजिलेंस कमीशन एक्ट में बदलाव के लिए एक अध्यादेश लाया। उसी साल संसद के शीतकालीन सत्र में इसे बिल के रूप में लाया गया, जो लॉ बन गया।


संजय कुमार मिश्रा 1984 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं। उन्हें 2018 में ईडी का चीफ तीन महीने के लिए बनाया गया था। फिर दो साल का पूर्ण कार्यकाल ही दे दिया गया। इनकम टैक्स कमिश्नर के पद पर रह चुके संजय कुमार मिश्रा ने कई अहम मामलों की जांच की थी। इसके चलते उनकी छवि एक सख्त आयकर अधिकारी के तौर पर बनी थी।

63 साल के ऑफिसर संजय मिश्रा को आर्थिक मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है। कहा जाता है कि उन्हें इसी खासियत के चलते ईडी का चीफ बनाया गया था। वह लंबे समय तक दिल्ली के इनकम टैक्स कमिश्नर भी रहे थे। ED के अफसर के तौर पर उन पर विपक्षी पार्टियों ने लगातार निशाने पर लिया और नेताओं को टारगेट करने का आरोप लगाया था। कई बार तो उनपर यह भी आरोप लगा की सरकार के आदेश पर ही वो विपक्षी नेताओं को निशाने पर लेते हैं।

बता दें कि इससे पहले Income Tax Department में रहते हुए संजय मिश्रा नेशनल हेराल्ड के उसी मामले की जांच कर चुके हैं, जिसमें ED ने गांधी परिवार से पूछताछ की थी। इसके अलावा संजय NDTV के इनकम टैक्स से जुड़े केस भी जांच कर चुके हैं।

उनके सामने INX मीडिया वाला केस भी है, जिसमें पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर केस है। इस मामले में दोनों आज भी ED की दफ्तरों के चक्कर काटते नजर आते हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के केस में जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ आज भी इन्हीं के निर्देश जांच चल रही है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights