झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनीष रंजन ईडी दफ्तर पहुंच गए हैं। टेंडर कमीशन घोटाला मामले में उनसे पूछताछ शुरू हो गई है। वहीं, इससे पहले मनीष रंजन से ईडी ने 28 मई को पूछताछ की थी।
बता दें कि 28 मई को ईडी ने आईएएस अधिकारी मनीष रंजन और मंत्री आलमगीर आलम को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की थी। दोनों में टेंडर कमीशन के बंटवारे तथा कमीशन की राशि के बंटवारे से संबंधित चैट पर ईडी ने देर तक पूछताछ की। मनीष रंजन को ईडी ने पहला समन 24 मई के लिए था, जिस पर मनीष रंजन ईडी के सामने उपस्थित नहीं हुए थे और उन्होंने ईडी से वक्त मांगा था। इसके बाद ईडी ने दूसरा समन कर मनीष रंजन को 28 मई को उपस्थित होने को कहा। माना जा रहा है कि भविष्य में आईएएस अधिकारी मनीष रंजन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
जानकारी के मुताबिक, टेंडर घोटाले से जुड़े इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष रंजन की भूमिका भी काफी अहम है। ईडी का मानना है कि ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य सचिव मनीष रंजन के पास कई ऐसी जानकारी है जो आलमगीर आलम से जुड़ी हुई है। ये जानकारी गुप्त है। मनीष रंजन से पूछताछ के बाद ही इसका खुलासा हो पायेगा। ऐसे में मनीष रंजन को ईडी ने पूछताछ के लिए आज दूसरे समन के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं अब तक हुई जांच में इस पूरे घोटाले में कई प्रभावशाली लोगों की भूमिका भी सामने आ रही है। पूछताछ के बाद कई अन्य लोगों को समन जारी किया जा सकता है।