यूजीसी के एडवांस इंक्रीमेट रोकने समेत अन्य मांगों को लेकर डूटा का प्रदर्शन

नई दिल्ली, 7 मार्च (हि.स.)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के एडवांस इंक्रीमेट रोकने और वसूली संबंधी स्पष्टीकरण पत्र के विरोध और अन्य मांगों को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने यूजीसी के गेट पर धरना प्रदर्शन किया। देश भर के शिक्षक बड़ी संख्या में इस धरने में शामिल हुए।

धरने को संबोधित करते हुए डूटा अध्यक्ष प्रो एके भागी ने कहा कि एडवांस इंक्रीमेट स्पष्टीकरण पत्र को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए। उन्होंने बताया कि पहले भी नवंबर 2017 में एमफिल और पीएचडी अग्रिम वेतन वृद्धि को रोकने के प्रयास किए गए थे लेकिन शिक्षकों के जबरदस्त विरोध के कारण यह संभव नहीं हुआ।

गौरतलब है कि स्थाई रूप से नियुक्त शिक्षकों को एमफिल और पीएचडी की उपाधि के लिए प्रोत्साहन के रूप में एडवांस इंक्रीमेट का प्रावधान चौथे वेतन आयोग में देना शुरू किया गया था। चौथे वेतन आयोग से लेकर सातवें वेतन आयोग में निरंतर केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम में इसे दिया जा रहा था लेकिन हाल ही में यूजीसी ने एडवांस इंक्रीमेट स्पष्टीकरण पत्र 10 फरवरी को देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों को भेजा, जिसमें एमफिल और पीएचडी के लिए दी गई एडवांस इंक्रीमेट को रोकने और वसूली संबंधी निर्देश दिए गए थे। इस स्पष्टीकरण में इंक्रीमेंट रोकने और वसूली को लेकर देशभर के शिक्षक आक्रोश में थे। प्रो एके भागी के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने इस मामले में एक ज्ञापन यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश को सौंपकर इसे वापस लेने की मांग की थी।

डूटा अध्यक्ष ने नवनियुक्त स्थाई शिक्षकों की पूर्ण पास्ट सर्विस को सर्विस में जोड़ने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार वित्त पोषित कॉलेजों की ग्रांट और वेतन की समस्या के स्थाई समाधान के लिए केंद्र सरकार को इनका अधिग्रहण करना चाहिए। इलाहबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ और इलाहाबाद विश्वविद्यालय संघटक महाविद्यालय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने भी धरने प्रदर्शन में भाग लेकर यूजीसी के आदेश को वापस लेने की मांग की। डूटा उपाध्यक्ष सुंधाशु कुमार और डॉ त्रिवेंद्र चुंबक ने कहा कि अगर शिक्षकों की मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में इस आंदोलन को तेज किया जाएगा।

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