विद्यार्थियों के लिए फूलों में हैं व्यापारिक संभावनाएं : कुलपति
नई दिल्ली, 28 फ़रवरी (हि.स.)। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के उत्तरी परिसर स्थित गौतम बुद्ध शताब्दी उद्यान में डीयू की 67वीं पुष्प प्रदर्शनी 2025 का आयोजन शुक्रवार को किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने किया। पुष्प प्रदर्शनी में दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 68 कॉलेजों, संस्थानों और छात्रावासों ने हिस्सा लिया। टिकाऊ प्रथाओं के लिए शुरू किया गया शताब्दी कप इस बार मिरांडा हाउस कॉलेज ने जीता। पुष्प प्रदर्शनी में राष्ट्रपति भवन की प्रदर्शनी ने सबका ध्यान आकर्षित किया।
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि यह कार्यक्रम एक अद्वितीय मंच है, जहां से सभी को कुछ न कुछ अच्छा मिलता है। विद्यार्थियों को ऐसे आयोजनों से व्यापारिक संभावनाओं की जानकारी भी मिलती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प में हथकरघा अहम योगदान देगा। इसमें स्थिरता और ग्रोथ दोनों हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्र को विशेष बल मिलेगा। हथकरघा उद्योग में महिलाओं की भागीदारी करीब 70 प्रतिशत है, इसलिए यह महिला सशक्तीकरण में अहम योगदान दे रहा है। कुलपति ने प्राचीन भारत की समृद्धि में हथकरघा के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कभी भारत के ढाका की मलमल दुनिया का सबसे कीमती कपड़ा होता था। ब्रिटिश काल में इस उद्योग को तबाह कर दिया गया और यह कपड़ा भी गायब हो गया। इसके साथ ही कुलपति ने पेड़ों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पेड़ केवल देते हैं, किसी से लेते कुछ नहीं। इसलिए दूसरों के हित में अपना हित देखने का ज्ञान हमें पेड़ों से लेना चाहिए।
फ्लावर शो की अध्यक्ष प्रो. रजनी अब्बी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि फ्लावर शो रचनात्मकता को बढ़ावा देने, नवाचार को बढ़ावा देने और समाज की भलाई के लिए सामुदायिक जुड़ाव के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
डीयू उद्यान समिति की अध्यक्ष प्रो. रूपम कपूर ने पुष्प प्रदर्शनी के बारे में जानकारी प्रस्तुत की और इसमें सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञपित किया। इस अवसर पर दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्रीप्रकाश सिंह और कुलसचिव डॉ विकास गुप्ता सहित अनेकों प्रिंसिपल, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और हजारों विद्यार्थी उपस्थित रहे।
———–