हरियाणा में सरकारी चिकित्सकों ने एक विशेषज्ञ कैडर का गठन और पीजी पाठ्यक्रमों के लिए बॉण्ड राशि में कमी की मांग को लेकर शुक्रवार को हड़ताल की, जिससे कुछ अस्पतालों में वाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाएं प्रभावित हुईं।
हरियाणा में इस सप्ताह चिकित्सकों की यह दूसरी हड़ताल है। इससे पहले उन्होंने बुधवार को भी हड़ताल की थी।
चिकित्सकों को आश्वासन दिया गया कि स्वास्थ्य मंत्री और हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएस) के प्रतिनिधियों के बीच सोमवार को एक बैठक आयोजित की जाएगी। इसके बाद चिकित्सक काम पर वापस आ गये।
एचसीएमएस हरियाणा में सरकारी चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था है, जो विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही है।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने सलाहकारों, वरिष्ठ सलाहकारों, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के चिकित्सकों, चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सा अधिकारियों और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों सहित लगभग 3,000 डॉक्टरों को एकत्रित किया है।
एचसीएमएस ने बुधवार को कहा था कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो चिकित्सक शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और सभी सेवाएं पूरी तरह बंद कर देंगे।
चिकित्सकों की मांगों में डॉक्टरों के लिए एक विशेषज्ञ कैडर का गठन, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए बॉण्ड राशि में कमी और केंद्र सरकार के डॉक्टरों के समान एक गतिशील सुनिश्चित करियर प्रगति योजना शामिल है।
एचसीएमएस के महासचिव डॉ. अनिल यादव ने कहा कि शुक्रवार को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी सेवाएं निलंबित रहीं जबकि आपातकालीन सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहीं।