सहारनपुर(मनीष अग्रवाल)। अपर सचिव उपभोक्ता मामले विभाग भारत सरकार श्री भरत खेडा के जिलाधिकारी को संबोधित पत्र जिसमें उपभोक्ताओं को जागो ग्राहक जागो अभियान के तहत हेलमेट के संबंध में जागरूक करने की बात कही गयी।
जिलाधिकारी मनीष बंसल ने कहा कि यह देखा गया है कि अनिवार्य बीआईएस प्रमाणीकरण के बिना घटिया गुणवत्ता वाले हेलमेट सड़क किनारे बेचे जा रहे हैं, जिसके कारण सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान चली जाती है। उन्होने कहा कि उन निर्माताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो बीआईएस लाइसेंस के बिना काम कर रहे हैं या नकली आईएसआई मार्क का उपयोग कर रहे हैं। मनीष बंसल ने कहा कि ऐसे खुदरा विक्रेताओं के विरूद्ध भी कडी कार्यवाही की जाएगी जो कानून का उल्लंघन कर नकली आईएसआई मार्क के हेलमेट बेच रहे है। उन्होने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लें और गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करें। इसके लिए ऐसे निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ एक विशेष अभियान शुरू किया जाए। जिन विनिर्माताओं के पास बीआईएस का लाइसेंस है वे हेलमेट निर्माण के लिए केयर ऐप या https://www.services.bis.gov.in/php/BIS_2.0/bisconnect/knowyourstandards/Indian_standards/isdetails/ पर सत्यापन कर सकते है।
जिलाधिकारी ने कहा कि सड़क पर गाड़ी चलाते समय जीवन की सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनना बेहद महत्वपूर्ण है। इसी के साथ यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि पहना जाने वाला हेलमेट अच्छी गुणवत्ता का हो अन्यथा इसे पहनने का मूल उद्देश्य ही विफल हो जाता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हेलमेट पर बीआईएस मानकों को अनिवार्य करते हुए आदेश जारी किया है जिसके तहत प्रमाणीकरण के बिना निर्मित या बेचा गया कोई भी हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के तहत स्पष्ट उल्लंघन और अपराध है।