दिशा की बैठक न होने से नाराज़ चंदौली सांसद ने अधिकारियों पर साधा निशाना
वाराणसी, 07 अप्रैल (हि.स.)। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व चंदौली के सांसद वीरेन्द्र सिंह ने दिशा कमेटी की बैठक न होने को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि दिशा (जिला विकास समन्वय और निगरानी) कमेटी की बैठक पिछले 8-9 महीनों से नहीं हो पाई है, जबकि केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार वर्ष में कम से कम चार बार इस बैठक का आयोजन अनिवार्य है।
सांसद वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि दिशा कमेटी केंद्र सरकार की योजनाओं की समीक्षा और निगरानी के लिए बनाई गई है, ताकि ये योजनाएं सही ढंग से ज़मीन पर उतरी जा सकें और जरूरतमंदों तक पहुंच सकें। इसके माध्यम से यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि संबंधित अधिकारी जनहित में कार्य कर रहे हैं या नहीं तथा उनकी जवाबदेही तय की जा सके।
वीरेन्द्र सिंह ने विशेष रूप से मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इनकी जमीनी स्थिति की समीक्षा जरूरी है। उन्होंने प्रधानमंत्री के गोद लिए गए गांवों की भी वर्तमान स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या इन गांवों की दशा में वास्तव में कोई सुधार हुआ है? यह जनता के सामने आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में दिशा कमेटी की बैठक न होना अन्य जिलों के लिए गलत संदेश देता है। सांसद ने कहा कि इस मुद्दे पर उन्हाेंने प्रधानमंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, वाराणसी मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को कई बार पत्र लिखे हैं, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला।
उन्हाेंने कहा कि जब वह क्षेत्र में भ्रमण करते हैं तो ग्रामीणों की छोटी-छोटी मांगें आती हैं, जिनका त्वरित समाधान आवश्यक होता है। वह कई बार संबंधित एजेंसियों को प्रस्ताव भेजते हैं ताकि कार्य समय से पूरे हों, लेकिन अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण जनता में असंतोष बढ़ रहा है। सांसद ने उम्मीद जताई कि अधिकारी उनकी पीड़ा को समझेंगे और दिशा कमेटी की बैठक सहित जनहित के कार्यों में तत्परता दिखाएंगे।
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