देेवी बसों से 10 वर्षों में रोका जा सकेगा 5,600 टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन : डॉ. आंचल जैन
नई दिल्ली, 3 मई (हि.स.)। हरित परिवहन की दिशा में एक नए युग की शुरुआत करते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल इंटरचेंज (देवी) परियोजना के तहत आधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल बसों के नए बेड़े को सड़क पर उतार दिया है। इन बसों का निर्माण भारत की अग्रणी इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनी पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी ने किया है।
पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी की सीईओ डॉ. आंचल जैन ने बताया कि पीएमआई हमेशा देश को स्वच्छ और पर्यावरण-संवेदनशील सार्वजनिक परिवहन की ओर अग्रसर करने के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। डीईवीआई बसों से दिल्ली में अगले 10 वर्षों में 5,600 टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन रोका जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि बसों ने देशभर में अब तक 20 करोड़ से अधिक ग्रीन किलोमीटर पूरे किए हैं और अब डीईवीआई बस पहल के साथ हम यह अनुभव और विशेषज्ञता अपने घर दिल्ली लाए हैं।
पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी आज 31 शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। उत्तर में लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से लेकर, पूर्व में पश्चिम बंगाल और ओडिशा, दक्षिण में केरल, तथा पश्चिम में गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा तक, पीएमआई प्रतिदिन लगभग 1,00,000 शून्य-एमिशन किलोमीटर की दूरी तय करता है और बड़े पैमाने पर टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन की परिभाषा को लगातार नया रूप दे रहा है। आंचल जैन ने बताया कि
मोबिलिटी से परे जाकर 1,00,000 बायोडिग्रेडेबल बीज कार्ड वितरित करने वाले “पीएमआई ग्रीन रूट्स” प्रोग्राम और महिलाओं के नेतृत्व वाले बैटरी असेंबली प्लांट जैसी पहल, हरित अर्थव्यवस्था के भीतर पर्यावरणीय प्रबंधन और लैंगिक समावेशिता के प्रति इसकी व्यापक प्रतिबद्धता को उजागर करती है।
पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी की सीईओ ने बताया कि देवी बसों को यात्रियों की सुरक्षा और आराम को प्राथमिकता देते हुए निर्मित किया गया है। 23 सीटों वाले इस बस डिजाइन में 6 पिंक सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, ऑटोमेटेड रैम्प के साथ व्हीलचेयर स्पेस, लो-फ्लोर डिजाइन, और “नीलिंग” तकनीक जैसी विशेषताएं हैं, जिससे बुजुर्गों और दिव्यांग यात्रियों को चढ़ने-उतरने में सुविधा मिलती है। अन्य सुविधाओं में रीयल-टाइम डायग्नोस्टिक्स, ऑटोमेटिक यात्री गणना, और एयर सस्पेंशन शामिल हैं। ये बसें कुशक नाला और ईस्ट विनोद नगर डिपो से संचालित होंगी, जिससे बसें दिल्ली की व्यस्त कॉलोनियों और मोहल्लों में प्रभावशाली संचालन कर सकेंगी।
पीएमआई की जेंडर इनक्लूसिविटी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए डीईवीआई बेड़े में महिला ड्राइवर भी शामिल की गई हैं — यह भारत के ग्रीन मोबिलिटी इकोसिस्टम में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है।
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