डीटीसी बसों की कमी से दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था चरमराई : देवेंद्र यादव
नई दिल्ली, 24 अप्रैल (हि.स.)। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने गुरुवार को कहा कि डीटीसी बसों की कमी से दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है। बसों की कमी की वजह से लोगों को गर्मी में काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की पिछली सरकार और भाजपा की वर्तमान दिल्ली सरकार बसों की संख्या बढ़ाने और बस स्टॉप पर शैल्टर बना पाने में पूरी तरह से विफल रही है।
देवेंद्र यादव ने गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था सुधार करने की बात दूर उल्टा भाजपा की दिल्ली सरकार के समय में 2000 से ज्यादा डीटीसी की बसें हटा दी गई है। मुख्यमत्री ने अप्रैल के पहले सप्ताह में डीटीसी बेड़े में 1000 ई-बसें जोड़ने की घोषणा की थी परंतु एक बस भी डीटीसी बेड़े नहीं जोड़ी गई।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या के अनुसार दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली में 11000 डीटीसी बसों जरूरी बताया है। 2015-16 में जहां 4344 डीटीसी बसें थी 22-23 में घटकर 3937 हो गई, जबकि कांग्रेस शासन के समय डीटीसी बेड़े में बसों की संख्या 7000 के पार रही और प्रदूषण की समस्या के हल के लिए शीला दीक्षित सरकार ने डीटीसी व अन्य सार्वजनिक परिवहन की बसों को सीएजी में बदलने काम किया।
देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या की यात्रा सुविधाओं को देखते हुए डीटीसी और कलस्टर की 50-50 प्रतिशत के अनुपात बसों को संचालन होना था परंतु पिछली आआपा और वर्तमान में भाजपा की सरकार इस काम को करने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी होने की वजह से यहां देश और विदेश के पर्यटक भी अत्यधिक संख्या में आते हैं। दिल्ली के लोगों सहित पर्यटकों को भी सुगम परिवहन व्यवस्था देने में सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है।
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