संसद सुरक्षा चूक मामले के आरोपितों की न्यायिक हिरासत 15 अप्रैल तक बढ़ी
नई दिल्ली, 17 मार्च (हि.स.)। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद सुरक्षा चूक मामले के आरोपितों की न्यायिक हिरासत 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने ये आदेश दिया।
आज सुनवाई के दौरान सभी आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान आरोपितों की ओर से पेश वकीलों ने चार्जशीट के दस्तावेजों की स्क्रूटनी के लिए और समय देने की मांग की। आरोपित नीलम की ओर से पेश वकील बलराज सिंह मलिक ने कहा कि कोर्ट ने 16 जनवरी और 19 फरवरी को आदेश दिया था कि नीलम को जेल के नियमों के मुताबिक पेंटिंग और कला सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, लेकिन वो आज तक उपलब्ध नहीं कराया गया। उसके बाद कोर्ट ने जेल प्रशासन से इस मामले पर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
दिल्ली पुलिस ने 15 जुलाई 2024 को इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा मामले में 186, 353, 153, 452, 201, 34, 120बी और यूएपीए की धारा 13, 16, 18 के तहत चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने 07 जून 2024 को पहली चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने जिन आरोपितों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया है उनमें मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट करीब एक हजार पन्नों की है।
उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर 2023 को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपित चैंबर में कूदे। कुछ ही देर में एक आरोपित ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा। इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई। हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की। कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया। संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे।
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