कांग्रेस के कई शीर्ष कानूनी सलाहकारों ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में समान नागरिक संहिता (UCC) पर चर्चा के लिए एक बैठक की।

बैठक के बाद फैसला लिया गया कि पार्टी इस मुद्दे पर कोई रुख अपनाने से पहले सरकार के मसौदा प्रस्ताव का इंतजार करेगी।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यूसीसी (UCC) को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम, मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद, अभिषेक मनु सिंघवी, विवेक तन्खा, केटीएस तुलसी और एल. हनुमंतैया (P. Chidambaram, Manish Tiwari, Salman Khurshid, Abhishek Manu Singhvi, Vivek Tankha, KTS Tulsi, L. Hanumantayya) ने बैठक की।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेताओं, जो सभी वरिष्ठ वकील हैं, की बैठक में यूसीसी के मुद्दे पर 90 मिनट से अधिक समय तक चर्चा हुई।

सूत्र ने कहा कि बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि पार्टी पहले यूसीसी पर सरकार का मसौदा प्रस्ताव देखेगी और फिर उस पर अपना रुख तय करेगी।

कांग्रेस के वरिष्ठ वकीलों की बैठक मानसून सत्र से पहले हो रही है, जो 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा।

कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत, कानून और न्याय पर राज्यसभा संसदीय स्थायी समिति, जिसकी अध्यक्षता भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी करते हैं, ने 3 जुलाई को अपनी बैठक के दौरान यूसीसी पर चर्चा की।

कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनिकम टैगोर (Manickam Tagore) ने समिति से जानना चाहा कि ऐसे समय में यूसीसी पर चर्चा करने के पीछे वास्तविक मंशा क्या है जब अगले कुछ महीनों के दौरान कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।

इसकी संभावना नहीं है कि सरकार मानसून सत्र के दौरान यूसीसी पर विधेयक लाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पिछले महीने मध्य प्रदेश में भाजपा बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यूसीसी की वकालत की थी और कहा था कि यूसीसी के नाम पर मुसलमानों को गुमराह किया जा रहा है।

उन्‍होंने कहा था, “इन दिनों यूसीसी द्वारा लोगों को भड़काया जा रहा है। आप ही बताइए, अगर किसी घर में एक व्यक्ति के लिए एक कानून हो और दूसरे व्यक्ति के लिए दूसरा कानून हो, तो क्या वह घर चल सकता है?”

विधि आयोग ने 14 जून को यूसीसी के बारे में बड़े पैमाने पर जनता और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के विचार और राय जानने के लिए एक नोटिस प्रकाशित किया।

भारत का 22वां विधि आयोग, कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा भेजे गए 17 जून, 2016 के संदर्भ के संबंध में आम जनता की राय और विचार मांगते हुए एक बार फिर यूसीसी की विषय-वस्तु की जांच कर रहा है।

इसमें कहा गया है कि विचार और सुझाव 30 दिनों के भीतर प्रस्तुत किए जाने हैं।

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