मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हेल्थ टूरिज्म के लिए आयुष के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए हर स्तर पर तैयार होना होगा। हमें आयुष के क्षेत्र में नए-नए शोध करने होंगे। वह मंगलवार को लोक भवन में 393 होम्योपैथिक फार्मासिस्टों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों के लिए 393 आयुष फार्मासिस्ट मिल रहे हैं। ये होम्योपैथ की विधा को निरंतर आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि आयुष क्षेत्र में कैरियर बनाने में लोग संकोच करते हैं। ऐसे में युवाओं को प्रेरित करने की जरूरत है। आयुष से जुड़े हर चिकित्सक अपना संकोच दूर करें। इस दिशा में शोध करें। इस विधा को बढावा दें। इस विधा से जुड़े डॉक्टर ही नहीं पैरा मेडिकल स्टॉफ की भी अहम भूमिका होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहले आयोग की नियुक्ति में कई साल लग जाते थे। अब बदलाव हुआ है। पारदर्शी तरीके से चयन प्रक्रिया हो रही है। प्रदेश सरकार की ओर से छह लाख से अधिक नौजवानों को सरकारी क्षेत्र में रोजगार दिया गया है। ये व्यवस्था का हिस्सा बनकर पूरी ऊर्जा के साथ प्रदेश को ताकत दें जिससे प्रदेश की समृद्धि बढ़े। हर व्यक्ति को अपना आत्मावलोकन करना होगा। यदि कोई गलत करेगा, उसकी जवाब देही होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश लगातार नए-नए रोजगार के सृजन का विकल्प बन रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग भारत की परंपरा से जुड़ा रहा है। होम्योपैथ का प्रयोग ग्रामीण इलाके में सर्वाधिक होता है। इसलिए इस विधा को बढ़ाने की जरूरत है। अब हर व्यक्ति आयुष को अपनाने लगा है। कोविड के दौरान यह हम लोगों के लिए सहारा बना। वर्ष 2014 के बाद इस दिशा में तेजी से काम हुआ है। उत्तर प्रदेश में पहली बार आयुष की अलग-अलग विधाओं के लिए डिग्री और डिप्लोमा के कोर्स शुरू करने के लिए आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। परापंरागत दवाओं को बढावा दिया जा रहा है। आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ कॉलेजों का निरंतर विकास हो रहा है।
आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि महायोगी गुरु गोरक्षनाथ महाविद्यालय बन रहा है। उससे सभी आयुष कॉलेजों को जोड़ा गया है। 393 होम्योपैथिक फार्मासिस्ट को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। इनसे विभाग के अस्पतालों को काफी फायदा मिलेगा। विभाग के डॉक्टरों एवं कर्मचारियों को प्रोन्नति दी गई है।