लखनऊः उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति के चौथे चरण की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि महिलाएं इच्छा शक्ति और सरकार के समर्थन से उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने में सक्षम हैं। महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित सरकारी पहल के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए चौथे चरण के तहत 15 अक्टूबर से एक अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने अपने आधिकारिक निवास से महिला सशक्तिकरण रैली को हरी झंडी दिखाकर महिला सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने पर केंद्रित पहल मिशन शक्ति के चौथे चरण की शुरुआत की।

यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि महिलाओं और बेटियों के कल्याण के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से रैली राजधानी में कई स्थानों से गुजरी। महिलाओं के लिए मददगार विभिन्न सरकारी योजनाओं का हवाला देते हुए, आदित्यनाथ ने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘इच्छा शक्ति और सरकार तथा प्रशासन के सहयोग से, महिलाओं में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने की क्षमता है। उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे बड़ा आबादी वाला राज्य है। ऐसे में आधी आबादी के लिए विशेष प्रयास होने चाहिये। मिशन शक्ति के चौथे चरण के तहत रैली की शुरुआत इसे ही दर्शाता है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अक्टूबर से हर शहर, गांव और नगर निकायों के वार्ड में केंद्र और राज्य सरकार की महिला संबंधी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान सरकार की ओर से महिलाओं और बेटियों की रक्षा से संबंधित उठाए गए विभिन्न मुद्दों से उन्हें अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘महिला और बेटी की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। इसको लेकर सख्त आदेश दिए गए हैं क्योंकि सरकार पहले ही लोगों को सुधरने का काफी समय दे चुकी है। वहीं ऐसे लोगों से सख्ती से निपटने के लिए थाना स्तर पर कार्रवाई का रिकॉर्ड भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। सरकार विभिन्न तरह के कार्यक्रम चलाती है, लेकिन जिनके लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है उन्हे इसकी जानकारी ही नहीं हो पाती। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से जरूरतमंद इसका लाभ नहीं उठा पाते, इसलिए प्रदेश के सभी 75 जिलों के लिए जागरूकता रैली की शुरुआत की गयी है।

अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा कि 2020 में राज्य में मिशन शक्ति का शुरुआती कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश लगाना और उनकी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन सुनिश्चित करना था। उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआत में तीन मुख्य मुद्दों पर केंद्रित यह कार्यक्रम विकसित होकर अब मिशन शक्ति के रूप में पहचाना जाता है। समय के साथ, मिशन को राज्य में प्रमुखता मिली, जिससे देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आई और अपराधियों को सजा मिली” उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति की सफलता का ही परिणाम है कि भारत सरकार ने भी महिला सुरक्षा के लिए अभियान का नाम मिशन शक्ति रखा है, जो यह दर्शाता है कि जब कोई भी पहल समाज में व्यापक जागरूकता का बड़ा माध्यम बनता है तो उसे राष्ट्रव्यापी बनने में देर नहीं लगती है।

 

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